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अल्मोड़ा : बस हादसा में 36 लोगों की मौत, सीएम ने पौड़ी और अल्मोड़ा के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के दिए निर्देश….

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अल्मोड़ा, उत्तराखंड: सोमवार को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक बस के गहरी खाई में गिर जाने से अब तक 36 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हैं। यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

सड़क हादसों में भारत की स्थिति

भारत सड़क हादसों में मौतों के मामले में विश्व में शीर्ष पर है। यहाँ तक कि कई देशों जैसे पाकिस्तान, ब्राजील, और नाइजीरिया की स्थिति भारत से बेहतर है। सड़क सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच, उत्तराखंड में हमेशा से अधिक सड़क हादसे होते आए हैं। पहाड़ी क्षेत्रों की संकरी और घुमावदार सड़कों, खराब रखरखाव, और सुरक्षा मानकों की कमी इस समस्या को बढ़ाती है।

हादसे की जानकारी

यह बस गढ़वाल से कुमाऊं जा रही थी, जब कुपेल गांव के पास यह हादसे का शिकार हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस में क्षमता से अधिक सवारी भरी हुई थी और चालक ने नियंत्रण खो दिया। हादसे के समय लगभग 40 लोग बस में सवार थे।

हादसे के तुरंत बाद, उत्तराखंड पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए क्षेत्र में आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को तैनात किया। बचावकर्मी जीवित बचे लोगों को निकालने और घायलों को चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचाने में जुट गए हैं।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस भयानक हादसे के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा, कुमाऊं मंडल के आयुक्त को इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

सीएम धामी ने राहत कार्यों को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि अल्मोड़ा जिले में हुई इस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने के संबंध में यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों को पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

सड़क सुरक्षा की चुनौतियां

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में सड़क सुरक्षा के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। संकरी सड़कें, खड़ी ढलानें, और खराब मौसम इस क्षेत्र में सड़क हादसों के लिए जोखिम बढ़ाते हैं। इसके अलावा, शराब पीकर गाड़ी चलाना, खराब सड़कें, और तकनीकी खामियां भी इस समस्या में योगदान देती हैं।

इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को सामने लाया है, और इसे सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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