Uttarakhand
अवैध लकड़ी कटान का मामला , ठेकेदार राहत ने लगाए पत्रकारों पर गंभीर आरोप |
उत्तराखंड : रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग के जंगलों से अवैध रूप से लकड़ियों की तस्करी का मामला सामने आया है,ठेकेदार राहत ने इस संबंध में कुछ पत्रकारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अवैध रूप से लकड़ी भरवाई जा रही थी, जिसका उसने विरोध कियाइस मामले में वन विभाग ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को जब्त कर जांच शुरू कर दी है.
राहत के अनुसार, जब उसने मजदूरों से पूछा कि यह लकड़ी कौन भरवा रहा है, तो उन्होंने कुछ पत्रकारों के नाम लिए,मजदूरों ने बताया कि दो स्थानीय पत्रकार लकड़ियां लोड करवा रहे थे, जब राहत ने मजदूरों से यह भी पूछा कि यह ठेका किसका है, तो उन्हें बताया गया कि यह शमी खान का सफाई ठेका है, जो बाजपुर का निवासी है। राहत ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि जब उसने इन लोगों से सवाल किया कि सफाई ठेका होने के बावजूद वे लकड़ियां क्यों भरवा रहे हैं, तो इस पर उनकी तीखी बहस हो गई। उसने आगे बताया कि वह विभागीय ठेकेदार है और उसका पैसा इस लकड़ी कटान में लगा हुआ है, ऐसे में बिना किसी अधिकार के कोई बाहरी व्यक्ति इसे कैसे ले जा सकता है.
इस मामले में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश आर्य का कहना है की उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ ट्रॉलियां अवैध रूप से जंगल में घुसी हुई हैं,इस पर वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को जब्त कर तराई पश्चिम के करनपुर वन चौकी में रखवा दिया है. यह मामला केवल एक घटना तक सीमित नहीं है,उत्तराखंड में वन संपदा की तस्करी कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब इस तरह के मामलों में पत्रकारों का नाम सामने आता है, तो यह गंभीर चिंता का विषय बन जाता है. वन विभाग इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रहा है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो इस घटना में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, ठेकेदार राहत का कहना है कि वह इस मामले को लेकर पुलिस से शिकायत दर्ज करवाने की कार्रवाई कर रहे है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगा.
अब देखना होगा कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।