देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर रात राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (IT Park) पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जोशीमठ में आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाए और आईटीबीपी, एसडीआरएफ, और सेना को आपसी सहयोग से बर्फ हटाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने माणा हेलीपैड को प्राथमिकता से खोलने के आदेश भी दिए हैं ताकि राहत कार्यों को और गति दी जा सके।
32 लोग सुरक्षित निकाले गए
अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और अन्य लोगों की खोजबीन जारी है। जिनमें से चार लोग आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती हैं। बीआरओ स्नो कटर और अन्य उपकरणों से बर्फ हटाने का कार्य निरंतर चल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि एमआई 17 हेलीकॉप्टर माणा क्षेत्र में भेजे जाएंगे ताकि घायलों को अस्पतालों तक पहुँचाया जा सके।
रेस्क्यू अभियान को तेजी से चलाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटनास्थल पर आवागमन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने हेलीपैड को शीघ्र सक्रिय करने, ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी करने की बात की, ताकि रेस्क्यू अभियान को प्रभावी तरीके से चलाया जा सके।
हिमस्खलन प्रभावितों की सुरक्षा प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि राहत कार्यों में आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन और वायुसेना सहित अन्य एजेंसियां जुटी हुई हैं। हालांकि खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण हेलीकॉप्टर सेवा फिलहाल स्थगित है, लेकिन स्नो एक्सपर्ट्स की टीम लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की है।
राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से लगातार संपर्क में है और प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री से बातचीत हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू कार्य में यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता पड़ी, तो उनकी मदद ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली जानकारी
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी से स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ और वहां मौजूद सीमा सड़क संगठन के मजदूरों की मदद से राहत कार्यों की शुरुआत की गई।
आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम रखने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी जिलाधिकारियों को निरंतर समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए प्रतिबद्ध है, और सभी राहत दल युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं।
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