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उत्तराखंड के अन्य जनपदों में भी होगा सिविल डिफेंस का विस्तार: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन |

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य की सामरिक एवं आपदा प्रबंधन दृष्टिकोण से संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने सिविल डिफेंस के विस्तार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केवल देहरादून जनपद को सिविल डिफेंस के रूप में अधिसूचित किया गया है, जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों में भी इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस संबंध में उन्होंने गृह विभाग को जल्द प्रस्ताव प्रस्तुत करने और संभावित जनपदों की पहचान करने को कहा।

यह निर्देश सोमवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में दिए गए। बैठक में सेना, अर्धसैनिक बलों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि चीन और नेपाल से लगी सीमाओं के चलते राज्य की सामरिक महत्ता अत्यधिक है। ऐसे में सिविल एडमिनिस्ट्रेशन और सुरक्षा बलों के बीच मजबूत समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्ष में कम से कम तीन बार अंतर-विभागीय बैठक आयोजित की जाए और बेहतर समन्वय के लिए एक संयुक्त व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए।

एसईओसी बनेगा आपात स्थिति में मुख्य कंट्रोल रूम

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एसईओसी को सभी विभागों के कंट्रोल रूम के साथ जोड़ते हुए इसे राज्य का मुख्य कंट्रोल रूम घोषित किया जाए। उन्होंने सिविल डिफेंस का कंट्रोल रूम भी एसईओसी में स्थानांतरित करने तथा सेना से जुड़े हॉटलाइन नंबर यहीं स्थापित करने के निर्देश दिए।

साइबर सुरक्षा, फेक न्यूज और संचार व्यवस्था पर विशेष ध्यान

श्री बर्द्धन ने आईटी विभाग को साइबर वारफेयर से सतर्क रहने और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सूचना और पुलिस विभाग को भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई करने के लिए कहा।

संरचनाओं की सुरक्षा और संसाधनों का डाटा बेस तैयार करने के निर्देश

राज्य के हेलीपैड, छोटे हवाईअड्डों, डैम और अन्य महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की सुरक्षा ऑडिट कराने और संभावित खतरे के आधार पर पुनः समीक्षा करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। इसके अलावा, सभी विभागों और एजेंसियों को अपने संसाधनों की जानकारी एसईओसी को उपलब्ध कराने और जीआईएस आधारित डेटाबेस तैयार करने के लिए कहा गया।

जन सहभागिता और जागरूकता कार्यक्रम जरूरी

मुख्य सचिव ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आम नागरिकों को भी सतर्क और जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने ब्लैकआउट, अलर्ट सायरन आदि की स्थिति में आमजन के लिए SOP और एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, मॉक ड्रिल्स को नियमित अंतराल पर आयोजित करने पर भी बल दिया गया।

बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित

बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, डीजीपी श्री दीपम सेठ, सचिव गृह श्री शैलेश बगौली, आईजी एसडीआरएफ श्री अरुण मोहन जोशी, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून श्री सविन बंसल, एसएसपी श्री अजय सिंह समेत सेना, अर्धसैनिक बलों और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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