मंगलुरु: कर्नाटक राज्य में मंकीपॉक्स (Mpox) का पहला मामला दर्ज हुआ है। 40 वर्षीय व्यक्ति, जो 19 वर्षों से दुबई में रह रहा था, 17 जनवरी 2025 को मंगलुरु लौटा। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि व्यक्ति के शरीर पर चकत्ते और बुखार के लक्षण दिखाई देने पर उसकी जांच की गई। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने 22 जनवरी को मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि की।
व्यक्ति की हालत स्थिर बताई गई है, और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है। संक्रमण की पुष्टि के बाद उसे तुरंत आइसोलेट कर दिया गया था। उसके नमूने बैंगलोर मेडिकल कॉलेज और एनआईवी पुणे भेजे गए थे।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को मंकीपॉक्स के लक्षणों जैसे बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और चकत्तों पर नजर रखने की सलाह दी है। विशेष रूप से उन लोगों को सतर्क रहना चाहिए, जिन्होंने हाल ही में उच्च जोखिम वाले देशों की यात्रा की है या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं।
विभाग ने यह भी कहा कि मंकीपॉक्स की संक्रामकता कम है और इसे समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है। आम जनता के लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। मंकीपॉक्स का टीका मुख्य रूप से उच्च जोखिम वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपलब्ध है, लेकिन फिलहाल इसे आम जनता के लिए आवश्यक नहीं माना गया है।
कर्नाटक में मंकीपॉक्स का यह मामला राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लिए नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद यह एक नई बीमारी है, और इसे लेकर जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग का संदेश: मंकीपॉक्स के मामूली लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से इस वायरस को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
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