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धामी सरकार का कार्यकाल बेमिसाल, युवाओं, बुजुर्गों से लेकर नेता भी हुए फैन !
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल को चार साल पूरे हो गए हैं। इस समय में उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिन्होंने मिसाल ही पेश कर दी। सीएम धामी के सिर पर ऐसे समय में मुख्यमंत्री का ताज सजा था जब उत्तराखंड राजनीतिक अस्थिरता के भंवर में गोते खा रहा था। उस समय किसी को किसी को अंदाजा भी नहीं था कि उनके जैसे साधारण कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल पूरे हो गए हैं और इस अवधि में सीएम धामी दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने चार साल तक पदभार संभाला है।
सीएम धामी का अभी तक का कार्यकाल बेदाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चार साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस पूरे समय में मुख्यमंत्री पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा बल्कि सीएम के नेतृत्व में कई भ्रष्टाचारी जेल गए। जो कि उत्तराखंड के इतिहास में एक रिकॉर्ड बन गया। इस दौरान उन्होंने आमजन की अपेक्षाओं में खुद को ढाला और चुनौतियों से निपटने का जज्बा भी दिखाया। साल 2021 में चार जुलाई को जब बतौर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना पहला कार्यकाल शुरू किया था तो तत्कालीन भाजपा सरकार में छह महीने के अंतराल में ही दो मुख्यमंत्री बदले जा चुके थे।
ऐसे में विधानसभा चुनाव की चुनौती के बीच राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें इसी बात पर टिकी थी कि अनुभवी नेताओं के बीच एक एक युवा चेहरा कैसे अपनी जगह बनाता है और कैसे पार्टी हाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरता है। लेकिन पुष्कर सिंह धामी ने ना केवल पार्टी हाईकमान की उम्मीदों के मुताबिक काम किया बल्कि जनता का भी विश्वास जीता और साल 2022 में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत हुई। लेकिन सीएम धामी अपनी सीट से हार गए। लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उनपर भरोसा जताया और एक बार फिर से उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। पार्टीहाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए धामी ने भी खुद को साबित किया और इसी के साथ उनके खाते में पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बाद सर्वाधिक चार वर्ष तक उत्तराखंड का मुख्यमंत्री रहने की उपलब्धि जुड़ गई।
यूसीसी लागू कर देश में पेश की मिसाल
सीएम धामी ने अपनी दूसरी सरकार के कार्यकाल में वो किया जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गया। विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फरवरी 2022 में यह घोषणा की थी कि फिर सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू किया जाएगा। उस समय तो इसे चुनावी वादा ही समझा गया था लेकिन दोबारा सीएम बनते ही उन्होंने अपना वादा पूरा किया और उत्तराखंड देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद ऐसा पहला राज्य बन गया जिसने यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू की। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद सीएम ने एक और ऐसा कदम उठाया जिसने युवाओं को उम्मीद की नई किरण दी। प्रदेश में कई पेपर लीक होने के कारण गताश युवाओं के लिए धामी सरकार ने कड़ा नकलरोधी कानून बनाया।
राजधानी देहरादून में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और घोटालों को लेकर 11 फरवरी, 2023 को विरोध प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन के अगले ही दिन उत्तराखंड के राज्यपाल ने परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने हेतु उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों के नियंत्रण और रोकथाम उपाय) अध्यादेश, 2023 को अपनी सहमति दी और फिर देश का सबसे कड़ा नकलरोधी कानून बना। इसके साथ ही धामी सरकार ने इन चार सालों में जनसांख्यिकीय में तेजी से बदलाव से निपटने के लिए मतांतरण, दंगाइयों से निपटने को कड़े कानून भी बनाए।
लैंड जिहाद के खिलाफ लिए बड़े फैसले
प्रदेश में लैंड जिहाद के खिलाफ सीएम धामी का कड़ा रूख देखने को मिला। सरकारी जमीनों पर हुए कब्जों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इस अभियान के तहत रामनगर से लेकर देहरादून तक एक्शन देखने को मिला और सरकारी और वन भूमि पर बने अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया गया। लैंड जिहाद मामले में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सरकार ने 9000 एकड़ से भी अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया। इसके साथ ही सरकार ने प्रदेश में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए। सत्यापन अभियान के तहत प्रदेशभर में 132 से भी ज्यादा अवैध मदरसों को सील किया गया।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास
चार साल का कार्यकाल पूरा होने और पांचवें वर्ष में प्रवेश करते हुए सीएम धामी ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास शुरु किए हैं। सीएम ने पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज शीघ्र शुरू करने का संकल्प दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य की माली हालत सुधारने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से कर संग्रह का पुख्ता तंत्र बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी।
1905 डायल करें आपकी शिकायत सुनेंगे सीएम
आमजन की समस्याएं सीएम तक पहुंचे इसके लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 जारी किया गया है। सीएम ने लोगों की समस्याएं उन तक सीधे पहुंचे इसलिए सीएम हेल्पलाइन पर समस्याओं के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं। हर हफ्ते सीएम धामी खुद सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निस्तारण के बारे में हर जिले के जिलाधिकारी से जानकारी लेते हैं। सीएम धामी की पहल के कारण कई लोगों को सालों पुरानी समस्याओं का सिर्फ कॉल पर समाधान मिला है।
प्रदेश के युवाओं का भी जीता भरोसा
जहां एक ओर नकलरोधी कानून बनने के बाद पेपर लीक से मुक्ति मिलने की युवा सोच रहे थे तो वहीं इसके उलट इसी साल सितंबर में कुछ ऐसा हुआ कि एक बार फिर से युवाओं को सड़कों पर उतरने के मजबूर होना पड़ा। 21 सितंबर को यूकेएसएसएससी ती स्नातक परीक्षा हुई। जिसके शुरू होने के लगभग एक घंटे बाद ही पेपर लीक होने की खबरें तैरने लगी। पेपर खत्म हुआ और मामले ने तूल पकड़ा। नतीजन बेरोजगार युवा एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए। युवाओं के प्रदर्शन को देख सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी। लेकिन युवा इस से संतुष्ट नहीं हुए और आंदोलन जारी रहा। इस बीच सरकार और युवाओं के बीच बातचीत हुई लेकिन बात नहीं बनी।
युवा लगातार मामले की सीबीआई जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े रहे। वहीं विपक्ष भी इस मौके को भुनाना चाहता था। लेकिन सीएम धामी ने अचानक खुद युवाओं के बीच पहुंचकर सबको चौंका दिया जिसका किसी को भी अंदाजा नहीं था। युवाओं के बीच पहुंचकर सीएम ने मामले की सीबीआई जांच की घोषणा की। इसी के साथ युवाओं का आंदोलन खत्म हुआ लेकिन परीक्षा को रद्द करने की मांग अब भी थी।
उत्तराखंड के युवाओं की ईमानदारी और लगन सबसे बड़ी पूंजी – CM
राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया। इस खबर से आंदोलनरत छात्र खुश हुए और सीएम को धन्यवाद किया। इसी के साथ सीएम धामी ने युवाओं का भरोसा भी जीत लिया। पेपर लीक होने क के बाद जहां एक ओर लग रहा था कि सरकार में कुछ बड़ा हो सकता है तो वहीं मुख्यमंत्री धामी ने इस चुनौती से निपटते हुए युवाओं का भरोसा जीत लिया। राज्य के इतिहास में सीएम धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने लगातार तीसरी बार युवाओं के बीच जाकर उनसे मुलाकात की। युवाओं ने सीएम से मिलकर उनके हित में लिए गए फैसले के लिए उनका धन्यवाद किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है कि हर पात्र युवक-युवती को निष्पक्ष अवसर मिले और राज्य के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और विश्वास का माहौल स्थापित हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत, लगन और ईमानदारी ही राज्य के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है, और सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है।
कुछ इस तरह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीते चार सालों में भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े चेहरे के रूप में उभरे। उनका नाम ना केवल उत्तराखंड के बल्कि देश के बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार हो गया है। उनके काम को देख कई बार विपक्ष के नेता भी खुद को उनकी तारीफ करने से नहीं रोक पाए। यही नहीं सीएम धामी ने साल 2023 और 2024 में देश के 100 शक्तिशाली नेताओं में भी अपनी जगह बनाई थी। जहां साल 2023 में इस सूची में उनका नाम 93वें पायदान पर था तो वहीं साल 2024 में वो 61वें सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बने।