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देहरादून में भारत-नेपाल कृषि साझेदारी पर मंथन, तकनीकी सहयोग पर सहमति….

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मसूरी: उत्तराखंड सरकार की ओर से आयोजित उत्तराखंड व नेपाल के मध्य कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग के लिये आयोजित बैठक एवं परिचर्चा में सुदूरपश्चिम प्रांत नेपाल के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह मुख्य अतिथि रहे। बैठक का आयोजन उत्तराखंड सरकार के कृषि विभाग, विदेश सहयोग प्रकोष्ठ और नेपाल के कृषि तथा पशुपालन मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसमें दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री शाह ने नेपाली लोगों को विशेष रूप से व्यावसायिक व्यापार और तकनीकी क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी सराहना की।

नेपाल के सुदूर पश्चिमी प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह की अगुवाई में 10 सदस्यीय प्रतिनिधियों को राज्य सरकार की कृषि नीति के साथ ही कई अहम जानकारियां साझा की गई। वहीं नेपाली प्रतिनिधिमंडल ने नेपाल और भारत के बीच संबंधों को गहरा करने के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और नेपाल दोनों देवभूमि हैं। जहां धार्मिक, भौगोलिक, कृषि समेत कई तरह की समानता है। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया कि नीति विशिष्ट पर्यटन संबंधी निवेश के लिए प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करती है। भारत के उत्तराखंड राज्य और पड़ोसी देश नेपाल के प्रतिनिधियों के बीच आज एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक में कृषि, पशुपालन, जल संसाधन प्रबंधन और पर्वतीय पारिस्थितिकी से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह बैठक सीमावर्ती क्षेत्र में कृषि विकास को गति देने, तकनीकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सामूहिक रूप से निपटने के उद्देश्य से आयोजित की गई।

प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हमारे धर्म, परंपराएं, भौगोलिक स्थितियां आदि में समानताएं हैं। नेपाल से उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चंपावत और ऊधमसिंह नगर के तीन जिले जुड़ें है। जहां विकास कार्यों और कृषि विकास में आसानी से सहयोग हो सकता है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड सरकार कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने, कृषि पद्धतियों को आधुनिक बनाने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए विभिन्न सब्सिडी योजनाएं संचालित कर रही है जिससे प्रदेष के किसानोे को लाभ मिलने के साथ उनको आर्थिक रूप् से मदद कर रही है। उन्होने कहा कि नेपाल के साथ इस प्रकार की पहलें न केवल क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाती हैं, बल्कि हमारे सीमावर्ती किसानों के लिए आजीविका के नए रास्ते भी खोलेगी।उत्तराखंड, कृषि नवाचार और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में नेपाल के साथ दीर्घकालिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड और नेपाल के बीच यह संवाद न केवल कृषि क्षेत्र तक सीमित रहा, बल्कि क्षेत्रीय विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक मजबूती के साझा लक्ष्यों को लेकर भी एक सकारात्मक कदम था। आने वाले समय में यह साझेदारी हिमालयी क्षेत्रों में सतत कृषि विकास का मॉडल बन सकती है।

सुदूरपश्चिम प्रांत नेपाल के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह ने अपने देश के छोटे किसानों के सामने आ रही तकनीक और बाजार की कमी जैसी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए उत्तराखंड की उन्नत कृषि पद्धतियों की सराहना की। नेपाल के कृषि मंत्री वीर बहादुर थापा ने सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से दोनों प्रदेशों में समानताएं बताते हुए कृषि क्षेत्र में एकरूपता की बात कही। नेपाल के सुदूर पश्चिमी प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह में नेपाल और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री शाह ने पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में आतिथ्य उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री शाह ने कहा कि आतिथ्य क्षेत्र हमारे दोनों देशों के बीच एक पुल का काम लक्सर पुलिस ने दबोचे कर सकता है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आर्थिक अवसरों और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देगा। कहा कि हम अपने पर्यटन और सेवा क्षेत्र को बढ़ाने के लिए भारत के मजबूत प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और उद्योग मानको को सीखने के इच्छुक हैं।

 

 

 

 

 

 

 

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