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दून पुलिस ने पकड़े दो शातिर अभियुक्त, जो थाना क्षेत्रों में पशु चोरी की घटनाओं को देते थे अंजाम !

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विकासनगर: राजकुमार द्वारा थाना सहसपुर में तहरीर दी गई थी कि उनका भैंसवंशीय पशु, जो घर के बाहर बंधा हुआ था, अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया है। तहरीर के आधार पर थाना सहसपुर में धारा 303(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

पशु चोरी की घटनाओं के अनावरण के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का निर्देश
जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगातार हो रही पशु चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने घटनाओं के खुलासे और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया। इन टीमों को घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांचने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, सर्विलांस के माध्यम से भी आरोपी की जानकारी जुटाई गई।

सीसीटीवी फुटेज से मिले अहम सुराग
पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज की जांच में एक संदिग्ध लोडर वाहन को देखा, जो चोरी की घटनाओं में शामिल था। इसके बाद, पुलिस ने देहरादून, हरिद्वार और आसपास के राज्यों के 1500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की। इससे पता चला कि उत्तरप्रदेश और हरियाणा के गिरोह का इस चोरी में हाथ है। इसके बाद, पुलिस टीम को इन राज्यों में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए भेजा गया।

पुलिस टीम की सघन चेकिंग के बाद 27 मार्च को सफलता
पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि आरोपी देहरादून लौटने वाले हैं और वे फिर से चोरी की घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस टीम ने 27 मार्च को कुलहाल क्षेत्र में नदी किनारे एक संदिग्ध लोडर वाहन से तीन भैंसवंशीय पशु बरामद किए और दो युवकों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में युवकों ने स्वीकार किया कि वे अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से भी पशु चोरी की घटनाएं अंजाम दे चुके थे।

बरामदगी और पूछताछ से महत्वपूर्ण जानकारी
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 50,000 रुपये बरामद किए गए, जो चोरी किए गए पशुओं को बेचने से प्राप्त हुए थे। अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली कि जीशान नामक अभियुक्त पशु चोरी में शामिल था और वह देहरादून में घूमकर घरों को चिन्हित करता था। उसके बाद, वह अपने साथियों के साथ मिलकर पशु चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। चोरी किए गए पशुओं को उत्तरप्रदेश और हरियाणा में सस्ते दामों पर बेचा जाता था। पुलिस से बचने के लिए अभियुक्त अपने लोडर वाहन की नंबर प्लेट निकाल देते थे ताकि वाहन की पहचान न हो सके।

अभी और गिरफ्तारी की संभावना
अभियुक्तों के बयान के आधार पर पुलिस टीम अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर रही है और जल्द ही अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जाएगा।

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