Uttarakhand

भारत-नेपाल सीमा पर ऊर्जा निगम की चूक से विद्युतीकरण का काम अटका….जाने वजह।

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चम्पावत – ऊर्जा निगम की एक चूक से भारत-नेपाल सीमा पर विद्युतीकरण का काम अटक गया है। वन अनापत्ति के बगैर कराए जा रहे ऊर्जा निगम के काम को वन विभाग ने रोक दिया है। इस वजह से अगले साल दिसंबर तक पूरा होने वाले इस काम में और ज्यादा वक्त लगेगा।

3.83 करोड़ रुपये से होने वाले विद्युतीकरण से नेपाल सीमा से लगी एसएसबी की दस बीओपी (बाॉर्डर आउटपोस्ट) में उजियारा होना है। चंपावत जिले में एसएसबी की पंचम वाहिनी की नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में बूम से पंचेश्वर तक 18 बीओपी हैं लेकिन बिजली सिर्फ आठ चौकियों में ही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अंधेरे से हो रही परेशानी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 3.83 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। 17 किलोमीटर लंबी लाइन काली नदी के किनारे बिछाई जानी है।

नियमानुसार ऊर्जा निगम को पहले वन अनापत्ति लेनी चाहिए लेकिन निगम ने बिजली के खंभे लगाने का काम इस साल अक्तूबर में ही शुरू करा दिया था और 12 खंभे लगाए भी जा चुके हैं।

अब वन विभाग ने काम रुकवा दिया है। विद्युतीकरण होने से सीमांत की इन चौकियों के साथ एसएसबी कर्मियों को आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी। इस वक्त इन चौकियों में सौर ऊर्जा से बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

आरसी कांडपाल, डीएफओ, चंपावत – वन अनापत्ति लिए बगैर बिजली के खंभे लगाने पर काम रोक दिया गया। ऊर्जा निगम से वन अनापत्ति का प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है। अनापत्ति मिलने के बाद ही काम करने की इजाजत मिलेगी।

नवीन सिंह टोलिया, अधीक्षण अभियंता, ऊर्जा निगम, टनकपुर – वन विभाग ने विद्युतीकरण का काम रोक दिया है। ऊर्जा निगम के ईई ने वन अनापत्ति के प्रपत्र तैयार करने के लिए प्रभागीय वनाधिकारी से वार्ता की है। प्रस्ताव को वन अनापत्ति मिलने के बाद निगम फिर से काम शुरू करेगा।

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