Dehradun

आईएमए में महिला कैडेट्स की एंट्री, देहरादून में सेना के इतिहास में नई शुरुआत !

Published

on

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून अपने 92 साल के गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। इस साल आईएमए में पहली बार महिला अधिकारी कैडेट्स को शामिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद, महिला कैडेट्स को भी अब आईएमए में प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा। यह कदम भारतीय सेना में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

आईएमए की स्थापना वर्ष 1932 में हुई थी, और अब तक केवल पुरुष कैडेट्स को ही प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, पहली बार महिला अधिकारी कैडेट्स को भी इस प्रतिष्ठित अकादमी में प्रशिक्षण मिलेगा। अधिकारियों के अनुसार, दिसंबर 2024 में पासिंग आउट परेड के दौरान पहली बार महिला अधिकारी कैडेट्स भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगी।

पहली बैच में 20 महिला कैडेट्स शामिल
पहली बैच में लगभग 20 महिला कैडेट्स को आईएमए में शामिल किया जाएगा। इन महिला कैडेट्स को विभिन्न कॉम्बैट और नॉन-कॉम्बैट शाखाओं में नियुक्त किया जाएगा। उन्हें पुरुषों की तरह ही कड़े सैन्य प्रशिक्षण से गुजरना होगा, जिसमें फिजिकल ट्रेनिंग, हथियार संचालन, युद्ध रणनीति, सामरिक प्रशिक्षण, फील्ड क्राफ्ट और कमांडो तकनीक शामिल होगी।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
आईएमए में महिला अधिकारियों को शामिल करने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खुला। वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा था कि महिलाओं को भी समान अवसर मिलना चाहिए और उन्हें भारतीय सेना में स्थायी कमीशन का अधिकार होना चाहिए। इस फैसले के बाद महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का मार्ग प्रशस्त हुआ, और अब आईएमए में महिला कैडेट्स का प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है।

महिला अधिकारियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं
महिला कैडेट्स को आईएमए में शामिल करने के लिए संस्थान में विशेष तैयारियां की गई हैं। आईएमए परिसर में महिला कैडेट्स के लिए विशेष आवासीय व्यवस्था की गई है, जिसमें अलग से छात्रावास, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं तैयार की गई हैं।

सैन्य में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। अब महिलाएं आर्टिलरी रेजिमेंट, कॉम्बैट सपोर्ट, मिलिट्री पुलिस और इंजीनियरिंग कोर जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी सेवा दे रही हैं। 2020 में पहली बार महिला सैनिकों को मिलिट्री पुलिस में शामिल किया गया था। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का फैसला सुनाया था, और 2022 में महिला अधिकारी पहली बार हेलीकॉप्टर पायलट बनीं।

आईएमए में महिला कैडेट्स की एंट्री – भारतीय सेना में लैंगिक समानता का बड़ा कदम
आईएमए में महिला कैडेट्स की एंट्री भारतीय सेना में लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह कदम न केवल सेना में महिलाओं के लिए नए अवसर खोलने वाला है, बल्कि यह भविष्य में भारतीय सेना के नेतृत्व में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है।

#IMA #WomenCadets #Dehradun #HistoricalEntry #IndianArmy #uttarakhand 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version