देहरादून: उत्तराखंड सरकार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए हवाई सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। राज्य में बीते दो वर्षों में कुल आठ हेलीपोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि छह अन्य हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का आम नागरिक भी हवाई सफर कर सके। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में उड़ान योजना और मुख्यमंत्री उड़नखटोला योजना के माध्यम से हवाई सेवाओं का विकास किया जा रहा है। इसका लाभ तीर्थाटन और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में मिलेगा।”


उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने सहस्रधारा, श्रीनगर, गौचर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और मुनस्यारी में हेलीपोर्ट तैयार किए हैं, जो अब यात्रियों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा, त्रियुगीनारायण, जोशीमठ, मसूरी, रामनगर, बागेश्वर और हरिद्वार में हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है। इन सभी परियोजनाओं को अगले एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया, “राज्य में अब 100 से अधिक हेलीपैड तैयार हो चुके हैं, जो किसी भी यात्री सेवा या आपातकालीन स्थिति में ऑपरेशन के लिए उपलब्ध हैं। इससे दूरदराज क्षेत्रों में एयर कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।”
इसके साथ ही, उत्तराखंड सरकार पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट का भी विस्तार कर रही है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। पंतनगर एयरपोर्ट का विकास ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाएगा, जबकि जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विकास इंटरनेशनल मानकों के अनुरूप किया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार के इस प्रयास से राज्य में हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार होगा, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी राज्य को और अधिक आकर्षक बना देगा।
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