नैनीताल : विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नीलम रात्रा की अदालत ने अल्मोड़ा के तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) अशोक कुमार सिंह को रिश्वतखोरी का दोषी मानते हुए तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अगर आरोपी जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह मामला वर्ष 2017 का है, जब अल्मोड़ा के मोहल्ला नियाजगंज निवासी रिजवानुर्रहमान ने विजिलेंस विभाग से शिकायत की थी कि उनका फैजे आम सिटी मॉडर्न स्कूल है और उन्होंने जूनियर हाईस्कूल की मान्यता के लिए आवेदन किया था। आरोप था कि तत्कालीन सीईओ अशोक कुमार सिंह ने मान्यता देने के नाम पर रिजवानुर्रहमान से 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी।
जांच में सही पाए गए आरोप
रिजवानुर्रहमान की शिकायत पर हल्द्वानी सेक्टर विजिलेंस ने मामले की जांच की और आरोप सही पाए गए। 28 अप्रैल 2017 को अशोक कुमार सिंह को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद मामले की विवेचना पूरी कर आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।
तीन साल की कठोर कारावास और जुर्माना
अभियोजन अधिकारी दीना रानी ने न्यायालय के समक्ष 13 गवाहों के बयान दर्ज कराए। साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश नीलम रात्रा की अदालत ने अशोक कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत दोषी ठहराते हुए तीन साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया।
अशोक कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के ग्राम दोलतिया, पोस्ट बनकट, जिला वाराणसी का निवासी है।
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