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हल्द्वानी हिंसा: कर्फ्यू के कारण अधिकांश छात्रों की छुटी प्रैक्टिकल परीक्षाएं, विभाग तलाश रहा वैकल्पिक व्यवस्था।

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हल्द्वानी – बनभूलपुरा में बवाल और कर्फ्यू के चलते लगी पाबंदियों से स्कूली बच्चों को खासा परेशानी हो रही है। प्रभावित – क्षेत्र में रहने वाले कई बच्चे सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। पाबंदी के चलते अधिकांश के बोर्ड प्रैक्टिकल छूट गए। हैं। बनभूलपुरा, राजपुरा क्षेत्र में करीब एक दर्जन स्कूल बंद हैं। इनमें गृह परीक्षाएं होनी मुश्किल हैं। प्रभावित छात्र-छात्राओं के लिए राहत की बात यह है कि उनके बोर्ड प्रैक्टिकल बाद में अलग से कराए जाएंगे। वहीं, प्रभावित क्षेत्र के सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की बोर्ड परीक्षा अलग से कराने को लेकर शिक्षा विभाग ने प्रशासन से अनुरोध किया है।


वीओ :: सीबीएसई की 10वीं, 12वीं कक्षा  की बोर्ड परीक्षा भी 15 फरवरी से शुरू होनी है। वहीं, सरकारी स्कूलों में इन दिनों उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा के प्रैक्टिकल चल रहे हैं और 16 फरवरी से कक्षा छह से 12वीं तक की गृह परीक्षाएं भी होनी हैं। राबाइंका बनभूलपुरा, राइंका च बनभूलपुरा, गांधीनगर कन्या हाईस्कूल, ललित आर्य महिला इंटर कॉलेज रेलवे बाजार समेत कई स्कूल कर्फ्यू प्रभावित क्षेत्र में हैं। ऐसे में इनमें परीक्षाएं या बोर्ड प्रैक्टिकल होने मुश्किल हैं। बीते सोमवार को प्रैक्टिकल में कई बच्चे नहीं पहुंच पाए। मामले का संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग अलग से व्यवस्था करने का मन बना रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी हरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के छात्रों के प्रैक्टिकल बोर्ड परीक्षा के बीच में कराए जाएंगे। इन स्कूलों की गृह परीक्षा भी बाद में कराई जाएगी।

उन्होंने बताया कि बनभूलपुरा कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में करीब चार हजार छात्र-छात्राएं हो सकते हैं, जिनको बोर्ड परीक्षा देनी है। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए जो भी बच्चे बोर्ड एग्जाम देने से वंचित हो जाते हैं, उनके लिए सीबीएसई से संपर्क स्थापित कर उनकी पुनः परीक्षाएं कराई जाने का प्रबंध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र-छात्रा का प्रैक्टिकल या बोर्ड एग्जाम छूटता है, तो उसके लिए अलग से व्यवस्था कर एग्जाम दिलाया जाएगा। बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बोर्ड एग्जाम की परीक्षाओं में अभी समय है। तब तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है. सीबीएसई की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं, ऐसे में इन बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश की जा रही है।

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