देहरादून : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की देहरादून स्थित लगभग 101 बीघा भूमि को अस्थाई रूप से अटैच कर दिया था । सर्किल रेट के हिसाब से इस भूमि की कीमत लगभग 6.56 करोड़ रुपए बताई जा रही है, जबकि बाजार मूल्य के अनुसार वर्तमान में इसकी कीमत 70 करोड़ रुपए से अधिक है।
इस कार्रवाई के बाद हरक सिंह रावत ने ED पर तीखा हमला किया। उन्होंने ED की साख पर सवाल उठाते हुए कहा, “इस संस्था की साख पूरी तरह से खत्म हो गई है। आंकड़ों के लिहाज से ED का परफॉर्मेंस महज 0.4 प्रतिशत है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस संस्था का एक भी प्रतिशत परफॉर्मेंस नहीं है, उसे करोड़ों रुपए जनता की गाड़ी कमाई के क्यों लुटाए जा रहे हैं?”
रावत ने आगे कहा कि ED और सीबीआई पूरी तरह से राजनीतिक दबाव में काम करती हैं और झूठे मुकदमे दर्ज करती हैं। उनका यह भी कहना था कि “जैसे 182 के तहत लोगों पर कार्रवाई होती है, वैसे ही ED के अधिकारियों पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार रुक सके।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब मामला न्यायालय में है और उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, क्योंकि वह इस तरह के मामलों में पहले भी दो बार जीत चुके हैं। रावत ने कहा, “अब गेंद ED के हाथ से निकल चुकी है, और यह मामला न्यायालय में है। मुझे उम्मीद है कि न्यायालय निष्पक्ष फैसला करेगा।”
रावत ने यह भी खुलासा किया कि जब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के खिलाफ सड़कों पर मोर्चा खोला था, तब भी इस भूमि की जांच हुई थी, और जब उन्होंने हरीश रावत सरकार से बगावत की थी, तो उस समय भी इस भूमि मामले को उठाया गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ED और CBI से डरने वाले नहीं हैं और वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।