नैनीताल – अलग-अलग पंचांग होने के कारण कुमाऊं और मैदानी इलाकों में होली पर्व भी अलग-अलग मनाई जाएगी। इस बार भी यही स्थिति पैदा हो रही है। उत्तराखंड में भाष्कर और रामदत्त के पंचाग के अनुसार अधिकांश विद्वतजनों ने बताया कि 20 को रंग और चीर बंधन होगा और होली (छरड़ी) मंगलवार 26 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं हल्द्वानी में काशी विश्व पंचाग के अनुसार कुछ विद्वानों ने बताया कि होली सोमवार 25 मार्च को होगी।
भाष्कर और रामदत्त के पंचाग के अनुसार अधिकांश ज्योतिषों ने बताया कि रविवार 17 मार्च को दुर्गाष्टमी के साथ होलाष्टक प्रारंभ होंगे। इसी दिन महाकाली मंदिर गंगोलीहाट में चीर बंधन होगा। जबकि कुमाऊं में सभी जगहों पर चीर बंधन और रंग बुधवार 20 मार्च को पड़ेगा। इसी दिन ध्वजारोहण, आमलकी एकादशी व्रत और पूजन होगा। ज्योतिष त्रिभुवन उप्रेती के अनुसार 20 मार्च को दोपहर 1:20 बजे से पहले रंग धारण किया जा सकता है। उसके बाद भद्रा शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि होलिका दहन और पूर्णिमा व्रत रविवार 24 मार्च को होगा। होली (छरड़ी) काशी में 25 मार्च को और कुमाऊं में मंगलवार 26 मार्च को मनाई जाएगी। दंपती टीका 27 मार्च को होगा। कुमायूं के प्रतिष्ठित पंचांग गणेश मार्तण्ड और श्री तारा पंचांग में भी यही निर्णय है।
होलिका दहन 24 की शाम 6:34 से 7:55 बजे तक होगा
24 मार्च को प्रदोष काल में भद्रा होने के कारण भद्रा पुच्छ में होलिका दहन किया जा सकता है। ज्योतिषों के अनुसार इस दिन प्रदोष काल सायं 6:34 से 7:55 बजे तक है। अतः इस समय होलिका दहन करना श्रेयस्कर है। भद्रा उसी रात 11:14 बजे से समाप्त हो जाएगी।
पर्व निर्णय सभा ने बताया 26 को होगी होली
पर्व निर्णय सभा के अध्यक्ष पंडित जगदीश चंद्र भट्ट ने बताया कि होली पर्व उदयापिनी प्रतिपदा में होती है इसलिए भाष्कर और रामदत्त पंचाग के अनुसार छरड़ी होली पर्व 26 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य और ज्योतिष डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि होली 26 मार्च को होगी।
रामलीला कमेटी के महंत ने कहा-काशी विश्व पंचाग में 25 को है होली
श्रीरामलीला कमेटी हल्द्वानी के महंत गोपाल दत्त भट्ट ने बताया कि हल्द्वानी में प्राचीन होलिका दहन स्थल और पटेल चौक में रविवार 24 मार्च की रात 11:30 बजे होलिका दहन होगा। बताया कि काशी विश्व पंचाग के अनुसार सोमवार 25 मार्च को रंग खेला जाएगा।