देहरादून – कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने चीड़बाग, देहरादून में शौर्य स्थल स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके सर्वाेच्च बलिदान को याद किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि जिन वीर जवानों ने अपने देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए आज उन्हें नमन और श्रद्धांजलि प्रदान करने का दिन है। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष पूर्व कारगिल में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी हमारी सेना ने अपने शौर्य व पराक्रम से दुश्मनों को परास्त कर जो विजय हासिल की थी उस पर हम सभी को गर्व है। कारगिल युद्ध में हमारे वीर सैनिकों ने देश की आन, बान और शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जिसे हमें कभी भुलाना नहीं चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि इस विजय में सैन्यभूमि उत्तराखण्ड के जांबाजों का बहुत बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी व शौर्य का परचम लहराया। कारगिल दिवस एक ऐसा दिन है जिसे हम कभी भूल नहीं सकते, यह दिवस हमें कठिन चुनौतियों में तैयार रहने के लिए भी प्रेरित करता है। कारगिल के वीर जवानों की वीर गाथा हम सभी को सदैव राष्ट्र प्रेम व देश भक्ति की प्रेरणा देती है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम वीर जवानों के परिवारों, वीरांगनाओं और युद्ध में घायल हुए जवानों की हर संभव मदद करें, यही उन शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने शौर्य स्थल में पूर्व सैनिक और एनसीसी के कैडेट्स से भी मुलाकात की।
इस अवसर पर उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल आर प्रेम राज के साथ-साथ नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी, जेसीओ और देहरादून स्टेशन के सैनिक भी शामिल हुए। तीनों सेनाओं के पूर्व सैनिक और एनसीसी कैडेट भी मौजूद थे, जिन्होंने कारगिल के नायकों की विरासत के प्रति अपना सम्मान और प्रतिबद्धता दिखाई।