Haridwar

स्ट्रीट डॉग्स के हमलों में बढ़ोत्तरी , कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए लगातार की जा रही नसबंदी |

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हरिद्वार : हरिद्वार में राहगीरों पर स्ट्रीट डॉग्स के हमलों की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में आए दिन कुत्तों के काटने और हमला करने के मामले पहुंच रहे हैं। इसका कारण बड़े पैमाने पर की जा रही कुत्तों की नसबंदी को भी बताया जा रहा है। पशु गणना के मुताबिक साल 2020 में हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में करीब 20 हजार स्ट्रीट डॉग्स थे। कुत्तों की लगातार बढ़ रही संख्या से भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

जिसके बाद 2023 में नगर निगम की ओर से सराय में एंटी बर्थ कंट्रोल सेंटर खोला गया। जहां कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए लगातार नसबंदी की जा रही है। यहां अब तक 8 हज़ार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है।लेकिन एक पहलू ये भी है कि पिछले कुछ महीनो में आम राहगीरों पर आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं। कुछ पशु प्रेमी इसे नसबंदी के कारण कुत्तों के व्यवहार में आ रहे बदलाव से जोड़कर देख रहे हैं।

हालांकि नगर निगम के एबीसी सेंटर के संचालक और पशु चिकित्सा इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि कुत्तों की नसबंदी के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। नसबंदी के बाद उन्हें 4 दिन तक ऑब्जर्वेशन में भी रखा जाता है और उसके बाद उन्हें उसी स्थान पर छोड़ा जाता है जहां से पकड़ा गया था। इंसानों के द्वारा कुत्तों को डराना या उनको पीटना कुत्तों के चिड़चिड़ापन का कारण हो सकता है पर नसबंदी पूरी तरह से सेफ है।  पिछले महीने ज्वालापुर में गली से गुजर रही एक महिला पर कुत्ते ने बेवजह हमला कर दिया था। इस घटना का खौफनाक सीसीटीवी फुटेज भी काफी वायरल हुआ था। इसके अलावा आवारा कुत्तों का वाहनों के पीछे दौड़ना, राहगीरों पर झपट पड़ना, और अन्य हमलों के मामले अस्पतालों में लगातार पहुंच रहे हैं। ऐसे में आम लोगों के बीच आवारा कुत्तों का खौफ बढ़ गया है।

 

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