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भारत में डायबिटीज़ का बढ़ता खतरा: मीठे खाने के अलावा ये कारण भी है जिम्मेदार…..

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नई दिल्ली: तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले भारत में डायबिटीज़ जैसी जीवनभर की बीमारी तेजी से फैल रही है। पिछले कुछ दशकों में भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, लेकिन जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां, खासकर डायबिटीज़, एक गंभीर महामारी बन चुकी हैं। इसका मुख्य कारण शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स का अत्यधिक सेवन है।

बहुत से लोग मानते हैं कि मिठाई छोड़ देने से डायबिटीज़ ठीक हो जाएगी, लेकिन यह सिर्फ एक भ्रांति है। असल में, डायबिटीज़ का मुख्य कारण इंसुलिन की कमी या शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से काम न करना है, जो कार्बोहाइड्रेट्स को पचाने में मदद करता है। इसलिए, डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि सभी प्रकार के कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन कम करना जरूरी है।

भारत में प्रति व्यक्ति औसतन 300-400 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन होता है, जबकि प्रोटीन का सेवन बेहद कम है। इस असंतुलन के कारण डायबिटीज़ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2022 में भारत में लगभग 77 मिलियन लोग डायबिटीज़ से प्रभावित थे, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत दुनिया में डायबिटीज़ के मामलों में दूसरे स्थान पर है, जहां चीन के बाद सबसे अधिक मरीज हैं।

 

 

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