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भारत-पाकिस्तान तनाव: सरकार ने मीडिया चैनलों के लिए जारी की नई एडवाइजरी, सख्त दिशा-निर्देश…

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नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को सभी मीडिया चैनलों के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र जारी की गई है, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा बलों की गतिविधियों और रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज नहीं की जाए।

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, किसी भी प्रकार का लाइव टेलीकास्ट, ‘सूत्रों के हवाले से’ खबरें या रियल-टाइम विजुअल्स प्रसारित न करें, जो सुरक्षा बलों की तैनाती या अभियानों से संबंधित हों।

इससे पहले भी कारगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान असंयमित रिपोर्टिंग से राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंच चुका है, जिसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(p) का हवाला देते हुए कहा कि मीडिया को केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी की समय-समय पर दी गई जानकारी तक ही अपनी रिपोर्टिंग सीमित रखनी चाहिए, जब तक कि कोई अभियान पूरी तरह समाप्त न हो जाए।

टीवी चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म से अपील की गई है कि वे संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी का परिचय देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन करें।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कश्मीर के पहलगाम हमले के बीच यह एडवाइडजारी जारी की है। 26 अप्रैल, 2025 को जारी बयान में मंत्रालय ने कहा है कि हालात को देखते हुए देशहित में मीडिया चैनल लाइव कवरेज करते हुए सावधानी बरतें। एडवाइजरी में 8 निर्देश दिए गए हैं।

  1. राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी मीडिया प्लेटफार्मों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अत्यधिक जिम्मेदारी का परिचय दें और रक्षा तथा सुरक्षा से संबंधित मुद्दों की रिपोर्टिंग करते समय मौजूदा क़ानूनों और नियमों का कड़ाई से पालन करें।

  2. विशेष रूप से यह निर्देश दिया जाता है कि रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की गतिविधियों से संबंधित किसी भी प्रकार की रियल-टाइम कवरेज, दृश्य प्रसारण या “सूत्रों के हवाले” से दी जा रही जानकारी का प्रसारण न किया जाए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करना शत्रु तत्वों को लाभ पहुंचा सकता है और अभियान की प्रभावशीलता एवं कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।

  3. अतीत की घटनाओं—जैसे कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकी हमला (26/11), और कंधार अपहरण—ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को स्पष्ट रूप से दर्शाया है। इन घटनाओं के दौरान असीमित कवरेज ने राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुँचाया था।

  4. मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तिगत उपयोगकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हमारे कार्य किसी भी अभियान या सुरक्षा बलों की सुरक्षा को नुकसान न पहुंचाएं।

  5. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पूर्व में भी सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(p) के अनुपालन के लिए परामर्श जारी कर चुका है। नियम 6(1)(p) के अनुसार: ऐसा कोई कार्यक्रम केबल सेवा में प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए, जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान की लाइव कवरेज हो। मीडिया कवरेज केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी की समय-समय पर दी जाने वाली जानकारी तक सीमित रहनी चाहिए, जब तक कि वह अभियान समाप्त न हो जाए।

  6. इस प्रकार का टेलीकास्ट केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई की जा सकती है।

  7. अतः सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान या सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज न करें। मीडिया कवरेज केवल सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी की ओर से दी जाने वाली समय-समय की जानकारी तक सीमित रहे।

  8. सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध है कि वे सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय दें और राष्ट्र सेवा में सर्वोच्च मानकों को बनाए रखें।

  9. यह निर्देश मंत्रालय की सक्षम प्राधिकरण की स्वीकृति से जारी किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

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