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धामी सरकार के आदेश पर जांच पूरी, हरिद्वार ज़मीन घोटाले में अफसरों की भूमिका संदिग्ध…

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हरिद्वार: हरिद्वार में नगर निगम द्वारा 54 करोड़ रुपये में की गई जमीन खरीद में घोटाले की जांच पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर की गई इस जांच की रिपोर्ट अब शासन को सौंप दी गई है। जांच अधिकारी आईएएस रणवीर सिंह चौहान ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट शहरी विकास सचिव नितेश झा को सौंप दी है, जिसमें तीन वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका को संदेहास्पद बताया गया है।

यह मामला उस समय सामने आया जब नगर निगम ने कूड़े के ढेर के पास स्थित 35 बीघा कृषि भूमि, जिसकी वास्तविक कीमत करीब 15 करोड़ रुपये आंकी गई थी, उसे लैंड यूज बदलकर 54 करोड़ रुपये में खरीद लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, यह जमीन कृषि उपयोग की थी, और उसका सर्किल रेट उस समय लगभग 6,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर था। बाद में इसे व्यावसायिक घोषित कर अत्यधिक दाम पर खरीदा गया।

इस खरीद में न तो नगर निगम अधिनियम, और न ही शासन के वित्तीय नियमों का पालन किया गया। पारदर्शी बोली प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, जिससे यह सरकारी खरीद की प्रक्रिया का खुला उल्लंघन बन गया।

जांच अधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने मौके पर पहुंचकर 24 लोगों के बयान दर्ज किए, दस्तावेजों की गहराई से जांच की और रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि उस समय के जिलाधिकारी (DM), नगर आयुक्त और एसडीएम की भूमिका संदेह के घेरे में है।

शहरी विकास सचिव नितेश झा ने बताया कि रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हो चुकी है और उसका गंभीरता से अध्ययन किया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सरकार तय करेगी।

मुख्यमंत्री धामी की सख्ती से खुला घोटाला

मुख्यमंत्री धामी की पहल और सख्त रुख के कारण यह मामला तेज़ी से सामने आया और कार्रवाई हुई। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर बड़े अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करती है।

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