देहरादून – फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन जनक दुलारी माता सीता अवतरित हुई थीं, इसलिए इस दिन को जानकी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस बार जानकी जयंती आज यानी 04 मार्च, सोमवार के दिन मनाई जा रही है। जानकी जयंती को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। माता सीता राजा जनक की पुत्री थीं, इसलिए उनको जानकी के नाम से भी जाना जाता है। माता सीता अपने त्याग एवं समर्पण के लिए पूजनीय हैं। जानकी जयंती के दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा-उपासना करने से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ दिन माता सीता की पूजा अर्चना प्रभु श्री राम के साथ करते हैं तो भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं जानकी जयंती की पूजा मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि…
जानकी जयंती 2024 शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 03 मार्च 2024 को सुबह 08 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर आज यानी 04 मार्च को सुबह 08 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए जानकी जयंती 04 मार्च को मनाई जा रही है। इस दिन माता सीता की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 38 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 05 मिनट तक है।
जानकी जयंती पूजा विधि
सुबह स्नान करने के घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
दीप प्रज्वलित करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
मंदिर में देवताओं को स्नान करवाएं।
अगर घर में गंगा जल है तो, देवताओं को स्नान वाले जल में गंगा जल मिलाएं।
Advertisement
भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें।
शाम को माता सीता की आरती के साथ व्रत खोलें।
माता सीता के मंत्र
श्री सीतायै नम:।
श्रीरामचन्द्राय नम:।
श्री रामाय नम:।
ॐ जानकीवल्लभाय नमः।
श्रीसीता-रामाय नम:।
Advertisement
जानकी जयंती का महत्व
सनातन धर्म में माता सीता को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इस दिन माता सीता की पूजा करके धन की देवी मां लक्ष्मी की भी कृपा पाई जा सकती है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं। साथ ही माता सीता और प्रभु श्रीराम की पूजा करते हैं। इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा करता है उसे सोलह महादान का फल और पृथ्वी दान का फल प्राप्त होता है। जानकी जयंती का व्रत सौभाग्यशाली स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं।