Dehradun

केदारनाथ उपचुनाव: सीएम धामी की सूझबूझ से शांत हुई बगावत, भाजपा की जीत में कुलदीप और ऐश्वर्या की सियासी परीक्षा !

Published

on

देहरादून: उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मची हुई है। इस उपचुनाव को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सूझबूझ और रणनीति के कारण, जिन्होंने पार्टी के भीतर चल रही बगावत को पूरी तरह से संभाल लिया है। इससे न केवल भाजपा संगठन को बल्कि विपक्ष को भी एक बड़ा संदेश गया है।

इस उपचुनाव में भाजपा की जीत का रास्ता इन दो युवा नेताओं—कुलदीप रावत और ऐश्वर्या रावत—की भूमिका पर निर्भर करता नजर आ रहा है। दोनों नेताओं की दावेदारी भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। ऐश्वर्या रावत, जो दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी हैं, ने इस उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की। वहीं, कुलदीप रावत, जो पहले दो चुनाव निर्दलीय लड़े थे, ने भाजपा जॉइन की और अब उपचुनाव में भाजपा के लिए अपना भाग्य आजमाने को तैयार हैं।

इन दोनों नेताओं के बीच की जंग भाजपा में बगावत की शक्ल ले सकती थी, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी कूटनीतिक सूझबूझ से मामले को संभालते हुए दोनों नेताओं को मनाने में सफलता पाई। इससे न केवल पार्टी के अंदर एकता का संदेश गया, बल्कि विपक्ष भी इसे लेकर चिंतित है। भाजपा ने युवाओं को साथ लेकर चुनाव प्रचार में नई ऊर्जा डाली है।

अब भाजपा को जहां पार्टी प्रत्याशी की जीत की उम्मीद है, वहीं कुलदीप रावत के पास चुनाव परिणाम और वोट प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी है। खासकर, दो चुनावों में अच्छा वोट बैंक हासिल करने के बाद उनका भविष्य इस उपचुनाव पर निर्भर करेगा। दूसरी तरफ, ऐश्वर्या रावत के पास दिवंगत मां शैलारानी रावत के मजबूत वोट बैंक को बरकरार रखने का दबाव है। भाजपा की उम्मीदें उनसे इसी क्षेत्र से ज्यादा वोट हासिल करने की हैं।

 

 

 

 

 

 

 

#KedarnathByelection, #PushkarSinghDhami, #AishwaryaRawat, #KuldeepRawat, #BJPElectionStrategy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version