Uttarakhand

मूल निवास और भू-कानून के लिए 30 को महापंचायत , हर गांव से जनप्रतिनिधियों को किया गया आमंत्रित….

Published

on

श्रीनगर : प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मूल निवास 1950 और भू-कानून के मुद्दे को लेकर चल रहे आंदोलन को अब मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति गांव-गांव तक पहुंचाएगी। समिति ने रविवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए यह जानकारी दी कि अब तक प्रदेश के बड़े शहरों में रैलियों और प्रदर्शन के जरिए आवाज उठाई जा रही थी, लेकिन अब यह संघर्ष ब्लॉक और ग्राम सभा स्तर पर फैलाया जाएगा।

समिति के गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी ने बताया कि 30 दिसंबर को कीर्तिनगर ब्लॉक में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जो इस आंदोलन का एक बड़ा कदम होगा। महापंचायत में हर गांव से एक-एक जनप्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया है और इसमें प्रदेश स्तरीय संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य मूल निवास 1950 और भू-कानून की समस्या को गांव-गांव में समझाना और स्थानीय जनता को इस मुद्दे पर जागरूक करना है।

निवर्तमान ग्राम प्रधान संगठन की कीर्तिनगर के अध्यक्ष सुनय कुकशाल ने इस आंदोलन को पूरी तरह से समर्थन देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों का मूल निवास की मांग को लेकर दृढ़ समर्थन है। वहीं, कांग्रेस नेता रामलाल नौटियाल ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऋषिकेश से लेकर बदरीनाथ तक बाहरी लोग प्रदेश में जमीनें खरीद रहे हैं, जो राज्य के मूल निवासियों के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो प्रदेश के मूल निवासी अपने ही राज्य में दूसरे दर्जे के नागरिक बनकर रह जाएंगे।

समिति का कहना है कि अब उनका लक्ष्य प्रदेश के हर गांव में मूल निवास और भू-कानून के मुद्दे को लेकर जागरूकता फैलाना है, ताकि इस मुद्दे पर जनता के बीच और अधिक समर्थन जुटाया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version