Uttarakhand

नौकासन योग: लीवर की मजबूती के साथ पेट की समस्या को करता है कम…जानिए सही तरीका और सावधानियां।

Published

on

नौकासन के फायदे – योग हमारे आसपास की जीव व सजीव चीजों से जुड़ी मुद्रा या आसन होता है, जिसे अपनाकर कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। नदी या तालाब पार करने वाले पुल रूपी सेतुबंधासन से लेकर नाव से प्रेरित नौकासन कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देता है।

इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर नाव जैसी आकृति में आ जाता है। नौकासन के अभ्यास के दौरान शरीर में पैरों और हाथों की स्ट्रेचिंग एक साथ हो जाती है। इस आसन के अभ्यास से पाचन बेहतर रहता है। कोर, एब्स की मसल्स मजबूत बनती है। शरीर का निचला हिस्सा व हिप्स मजबूत होते हैं।इस लेख के माध्यम से जानिए नौकासन के अभ्यास का सही तरीका, इससे होने वाले लाभों के बारे में।

नौकासन के स्वास्थ्य लाभ

इस आसन का अभ्यास पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

नौकासन के नियमित अभ्यास से पैर और बांह की मांसपेशियां टोन होती हैं।

शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है।

हर्निया से पीड़ित लोगों के लिए यह आसन लाभकारी है।

पाचन तंत्र में सुधार करता है।

Advertisement

फेफड़े, लीवर और पेनक्रियाज को मजबूत बनाने में नौकासन का अभ्यास कर सकते हैं।

पेट के चारों ओर ब्लड और ऑक्सीजन का संचार करता है।

यह आसन ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने और शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है।

वजन घटाने और पेट की जिद्दी चर्बी को घटाने में नौकासन फायदेमंद है।

नौकासन के अभ्यास का तरीका

स्टेप 1- इस आसन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर पैरों को साथ रखें।
स्टेप 2- हाथों को शरीर के बगल में रखते हुए गहरी सांस लें।
स्टेप 3- सांस छोड़ते हुए छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।
स्टेप 4- बाहों को पैरों की ओर खींचें।

स्टेप 5- ध्यान रहें कि इस दौरान आंखें, उंगलियों और पैर की उंगलियां एक लाइन में होनी चाहिए।
स्टेप 6-पेट की मांसपेशियों के सिकुड़न पर नाभि क्षेत्र में तनाव महसूस होगा।
स्टेप 7-इस मुद्रा में रहते हुए आराम से गहरी सांस लेते रहें।
स्टेप 8- कुछ देर इसी स्थिति में रहते हुए बाद में पहली वाली सामान्य अवस्था में आ जाएं।

सावधानियां
योग विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ शारीरिक समस्याओं में नौकासन योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए। यदि लो ब्लड प्रेशर, गंभीर सिरदर्द या माइग्रेन रहता है या फिर हाल के दिनों में रीढ़ की हड्डी की किसी भी समस्या से परेशान रहे हैं तो इस योग को न करें। अस्थमा और हृदय रोगियों को भी इस मुद्रा से बचने की सलाह दी जाती है। महिलाओं को गर्भावस्था और मासिक धर्म के दिनों में इस योग को न करने की सलाह दी जाती है। किसी भी योग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।

————————

Advertisement
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version