Uttarakhand

वरिष्ठ साहित्यकारों को तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने साहित्य सम्मान से नवाजा।

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देहरादून – तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग द्वारा उत्तराखंड के वरिष्ठ साहित्यकारों को देहरादून के बी. एस. नेगी सभागार में 10 जनवरी को साहित्य सम्मान से नवाजा गया। अवसर था विश्व हिंदी दिवस का। इस वर्ष सम्मान पाने वाले साहित्यकार रहे डा. इंदु अग्रवाल (कवियित्री), डा. किरण पल सिंह (राजभाषा विशेषज्ञ), वीरेंद्र डंगवाल ” पार्थ” (कवी व गीतकार), डा. उषा झा” रेनू ” एवं तापस चक्रवर्ती (वरिष्ठ लेखक) । कार्यक्रम के प्रारंभ में साहित्यकारों का स्वागत डा. आनंद गुप्ता (कार्यकारी निदेशक एवं प्रमुख पी. डी. निदेशालय) तथा आर. एस. नारायणी (कार्यकारी निदेशक एवं प्रधान निगमित प्रशासन) के द्वारा शाल ओढ़ाकर किया गया। इसके उपरांत साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह तथा ” राम मंदिर ” की कष्ट अनुकृति भी भेंट की गयी ।

इस अवसर पर एक और जहाँ डा. इंदु अग्रवाल, वीरेंद्र डंगवाल तथा डा. उपा झा ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्र- मुग्ध किया वहीं तापस चक्रवर्ती ने श्रोताओं से अधिकाधिक पुस्तकें पढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने मोबाइल फ़ोन के माध्यम से पुस्तक न पढ़े जाने का निवेदन किया।चन्दन सुशील साजन (महाप्रबंधक-राजभाषा), रजनीश त्रिवेदी ( पूर्व महाप्रबंधक-प्रभारी निगमित संचार एवं साहित्यकार), राम राज द्विवेदी (पूर्व मुख्य महाप्रबंधक एवं पूर्व प्रभारी राजभाषा) तथा ज्ञानेंद्र कुमार (पूर्व प्रभारी राजभाषा) भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। राम राज द्विवेदी ने श्रोताओं को विश्व हिंदी दिवस की महत्ता एवं ओ.एन.जी.सी. का देश के विकास में योगदान एवं राजभाषा को प्रोत्साहन देने के विषय पर चर्चा की।

ज्ञानेंद्र कुमार ने अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से श्रोताओं को बांधे रखा। इस अवसर पर आर. एस. नारायणी, चन्दन सुशील साजन एवं रजनीश त्रिवेदी ने भी श्रोताओं को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान ही अर्द्ध वार्षिक पत्रिका “सहस्त्रधारा” का विमोचन भी सभी गण्य मान्य अतिथियों की उपस्थिति में करवाया गया। नगर राजभाषा कार्य समिति के सदस्य कार्यालय भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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