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पाकिस्तान पर लगने लगा ‘अंतरराष्ट्रीय बेज्जती’ का ठप्पा, दुनिया के अलग-अलग देशों से जबरदस्ती भगाए जा रहे पाकिस्तानी, इस वजह से हो रही कार्रवाई। 

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देश /दुनिया  – कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान के ऊपर ‘अंतरराष्ट्रीय बेज्जती’ का भी ठप्पा लगने लगा है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही बेज्जती पाकिस्तान के उन लोगों की वजह से और हुई है, जो दुनिया के अलग-अलग मुल्कों से न सिर्फ जबरदस्ती भगाए जा रहे हैं, बल्कि उन लोगों को पकड़-पकड़ कर वापस भी भेजा जा रहा है। पाकिस्तान की संसद में अपनी खुद की सीनेट में पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, बीते तीन सालों में तकरीबन 20000 पाकिस्तानियों को अलग-अलग देशों से चोरी, डकैती, बलात्कार और आतंकी संगठनों में शामिल होने जैसे संगीन आरोपों और सजा के बाद वापस पाकिस्तान रवाना कर दिया गया। इसमें पाकिस्तान के सबसे करीबी मुल्क तुर्किये से लेकर ग्रीस, इटली और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं। फिलहाल पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही फजीहत के बाद इस्लामाबाद को अपने देश के लोगों के लिए सीक्रेट दस्तावेज तक जारी करना पड़ा।

बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान की संसद में पेश की गई रिपोर्ट उसकी अंतरराष्ट्रीय बेज्जती की कहानी सुनाती है। दरअसल कुछ दिन पहले पाकिस्तान की इंटीरियर मिनिस्ट्री ने अपनी संसद की सीनेट को एक रिपोर्ट पेश की। उस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के नागरिकों को दुनिया के 134 देशों से अलग-अलग तरह से बेइज्जत करके निकाला गया।

पाकिस्तान के सबसे घनिष्ठ और मजबूत संबंधों वाले देश तुर्किये ने सबसे ज्यादा पाकिस्तानियों को हाल के दिनों में निकाला है। 2024 में ही तुर्किये ने दो अलग-अलग चरणों में पाकिस्तान के 600 से ज्यादा लोगों को अपने देश से निकाल दिया। आंकड़ों के मुताबिक 2024 के पहले चरण में 404 लोगों को तुर्किये के भीतर महिलाओं के साथ यौन शोषण, बलात्कार, चोरी, डकैती, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई संगीत अपराधों के मामले में देश से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।

आंकड़े इस बात की भी तस्दीक करते हैं कि पाकिस्तान के दोस्त कहे जाने जाने वाले मुल्क तुर्किये ने सिर्फ पहले चरण ही नहीं बल्कि दूसरे चरण में भी पाकिस्तानियों को अपने देश से बाहर का रास्ता दिखाया। तुर्किये ने दूसरे चरण में 252 लोगों को एक बार फिर हिरासत में लेकर अलग-अलग अपराधों में शामिल लोगों को वापस पाकिस्तान भेज दिया। तुर्किये की ओर से इस्लामाबाद को भेजे गए सरकारी पत्र में पाकिस्तानियों के कृत्य की पूरी करतूत बताई गई।

इसी दौरान 7 नवंबर 2023 को तुर्किये की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने 383 पाकिस्तानियों की शिनाख्त की, जो लगातार तुर्किये में रहकर अपराध कर रहे थे। यह अपराध भी लूट, डकैती, बलात्कार, धन शोधन और अवैध तरीके से तुर्किये में घुसे हुए अवैध लोगों के तौर पर की गई। इस्लामाबाद को लगातार दुनिया के अलग-अलग देशों से उनके नागरिकों पर कसी जा रही नकेल की जानकरी भी दी जाती रही। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के दो नागरिकों को तो इटली में आतंकी संगठन के भीतर शामिल होने की पुख्ता जानकारी तक मिली थी। यह दोनों नागरिक पाकिस्तान के इस्लामाबाद और कराची के रहने वाले थे। इसमें यासीन ताहिर इस्लामाबाद और अल्मा शेख रावलपिंडी का रहने वाला था।

सूत्रों के मुताबिक इटली में जब फर्जी तरीके से रह रहे पाकिस्तानियों पर नकेल कसी जाने लगी, तो इन दोनों पाकिस्तानी नागरिकों को हिरासत में लेकर पछताछ की गई। कड़ाई से पेश आने पर दोनों पाकिस्तान नागरिकों ने स्थानीय आतंकी संगठनों में शामिल होने की बात कुबूल की। उसके बाद इन दोनों पाकिस्तानी नागरिकों को सात साल की सजा हुई। बाद में इटली ने पाकिस्तान को उनके आतंकी नागरिकों को सौंप दिया।

इसी तरह पाकिस्तान के नागरिकों को लीबिया और अमेरिका ने भी बेइज्जत करके अपने देश से निकाल दिया। इन दोनों देशों की ओर से इस्लामाबाद को भेजे गए पत्र में निकाले गए नागरिकों का पूरा कच्चा चिट्ठा शामिल था। लीबिया ने 2024 में महज 90 दिन के भीतर 147 पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश से निकाल कर बाहर कर दिया। जबकि 2023 में लीबिया से निकाले गए पाकिस्तानियों की संख्या 127 थी। इसके अलावा अमेरिका ने भी 27 पाकिस्तानियों को बीते 90 दिन के भीतर अपने देश से भगा दिया।

ये वे लोग थे जो अमेरिका में बलात्कार, फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग, चोरी डकैती और गैर कानूनी रूप से हथियारों को अपने साथ रखने के अलावा बच्चों के यौन शोषण में शामिल थे। अमेरिका ने तो पाकिस्तान को इस मामले में एक कड़ा पत्र भी लिखा। इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने पाकिस्तान को पत्र संख्या 1615/डीआईआईएस के माध्यम से कड़ा संदेश भी दिया। केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उसे पत्र के बाद पाकिस्तान के भीतर न सिर्फ हड़कंप मचा, बल्कि उसे अपने सभी मिशनों में नए एसओपी के अनुसार व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का निर्देश तक देना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के नागरिकों को सिर्फ तुर्किये, लीबिया और अमेरिका से ही नहीं निकाला गया, बल्कि कई अन्य देशों से भी इन्हें उस मुल्क से बाहर जाने का रास्ता दिखाया गया। केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े रहे एक वरिष्ठ रिटायर्ड अधिकारी कहते हैं कि पाकिस्तानी नागरिक छोटे-छोटे देश में अवैध तरीके से जाकर चोरी, डकैती, बलात्कार जैसे तमाम अन्य संगीन अपराधों में शामिल होते हैं। इसमें लॉओस, टैंगो पोर्ट लुइस, लीबिया, गुएना, बोत्सवाना, बुरुंडी, मेडागास्कर, मालावी कांगो, डोमिसियाना रिपब्लिक समेत अंकोला और इथोपिया जैसे तमाम अन्य देशों में पाकिस्तानी नागरिक अवैध रूप से जाते हैं। जहां पर ये न सिर्फ अपराध करते हैं, बल्कि पकड़े जाने पर उनको सजाएं भी होती हैं और फिर उन्हें बड़ी संख्या में पाकिस्तान भगाया जाता है। विदेशी मामलों के जानकार डॉक्टर आशुतोष ओझा कहते हैं कि पीकिस्तान की मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते पांच साल में पांच लाख से ज्यादा पाकिस्तानियों को अलग-अलग देशों से भगाया गया है।

दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में रह रहे पाकिस्तानियों को तमाम गलत कार्यों की वजह से भगाए जाने की रिपोर्ट को पाकिस्तान की इंटीरियर मिनिस्ट्री भी मानती है। पाकिस्तान की इंटीरियर मिनिस्ट्री ने अपनी संसद में सीनेट के सामने आधिकारिक तौर पर इस बात के आंकड़ों के साथ पूरी रिपोर्ट भी सौंपी थी। इंटीरियर मिनिस्ट्री की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ यूरोप में ही बीते तीन साल के भीतर 20000 से ज्यादा पाकिस्तानियों को वहां से अलग-अलग अपराधों में शामिल होने के चलते भगाया गया था। इस सरकारी दस्तावेजों में सबसे बड़ी संख्या तुर्किये से निकाले गए पाकिस्तानियों की थी। पाकिस्तान की संसद में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक सन् 2022 में 12087 पाकिस्तानियों को तुर्किये से अलग-अलग संगीत अपराधों के चलते निकाला गया था, जबकि 2023 में यह संख्या 2953 रही।

इसी तरह दूसरे नंबर पर ग्रीस से पाकिस्तानियों को बेइज्जत करके बाहर निकाला गया। आंकड़ों के मुताबिक 2021 में यह संख्या 675 थी। जबकि 2022 में 362 पाकिस्तानियों को ग्रीस से बाहर का रास्ता दिखाया गया। 2023 में 340 पाकिस्तानियों को अलग-अलग गंभीर अपराधों में शामिल होने के चलते ग्रीस से बाहर निकाल दिया गया। जबकि जर्मनी से भी पाकिस्तान के नागरिकों को गंभीर अपराधों में शामिल होने के चलते न सिर्फ सजाए दी गईं, बल्कि उनको देश से भी निकाल दिया गया। आंकड़ों के मुताबिक जर्मनी में 518 लोगों को 2021 में बाहर निकला गया। जबकि 2022 में यह संख्या 269 रही। 2023 में 175 पाकिस्तानियों को जर्मनी से निकाला गया।

 

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