Pithauragarh

उत्तराखंड की पाताल भुवनेश्वर गुफा आज से दर्शन के लिए खुली,पुरातत्व विभाग ने जारी किया आदेश….

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पिथौरागढ़: विश्व प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा के दर्शन अब भक्तों के लिए 16 अक्टूबर से उपलब्ध होंगे। भारतीय पुरातत्व विभाग ने तीन महीने के अंतराल के बाद इस गुफा को खोलने का आदेश जारी किया है, जिसके तहत भक्त बुधवार से गुफा के दर्शन कर सकेंगे।

पाताल भुवनेश्वर गुफा का महत्व

पाताल भुवनेश्वर गुफा उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले में, गंगोलीहाट से लगभग 14 किमी दूरी पर स्थित है। यह गुफा धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, जहां कई प्राकृतिक कलाकृतियां बनी हैं। यह गुफा जमीन से 90 फ़ीट की गहराई पर स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 160 वर्ग मीटर है।

गुफा के बंद होने का कारण

मंदिर समिति की अध्यक्ष नीलम भंडारी ने बताया कि बरसात के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण गुफा को जुलाई में बंद कर दिया गया था। अब इसे 16 अक्टूबर से फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है, जिससे भक्त गुफा के अद्भुत दर्शन कर सकेंगे। इस अवसर पर कमेटी के महासचिव जगत रावल और केदार सिंह भंडारी भी मौजूद थे।

धार्मिक आस्था का केंद्र

पाताल भुवनेश्वर गुफा का धार्मिक महत्व युगों से बना हुआ है। कहा जाता है कि इस गुफा की खोज सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्णा ने की थी, जो त्रेता युग में अयोध्या पर शासन करते थे। गुफा में महादेव शिव के साथ 33 कोटि देवताओं के दर्शन का वर्णन स्कंदपुराण में भी मिलता है। राजा ऋतुपर्ण जब जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफा में पहुंचे, तो उन्होंने यहाँ भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं का साक्षात दर्शन किया।

द्वापर युग में पांडवों द्वारा यहां चौपड़ खेलने के अभिलेख भी पाए गए हैं। इसके अलावा, जगदगुरु आदि शंकराचार्य द्वारा लगभग 822 ईसवी में इस गुफा में तांबे का एक शिवलिंग स्थापित किया गया, जो आज भी मौजूद है।

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