हल्द्वानी: गौला बाइपास स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड का मामला अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) पहुंचने के बाद और भी गंभीर हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने नगर निगम को सख्त लहजे में नोटिस भेजा है। नोटिस में बोर्ड ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि पर्यावरण प्रदूषण के कारण निगम पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो एक लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना राशि अप्रैल 2020 से लागू की जाएगी, जिसके अनुसार 1 अप्रैल 2025 तक जुर्माना राशि 60 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। इस नोटिस के बाद नगर निगम प्रशासन में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है, और अब देखना होगा कि निगम इसका जवाब कैसे देता है।
गौला बाइपास स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में हल्द्वानी नगर निगम, ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य निकायों से रोजाना कचरा पहुंचता है। गर्मी के मौसम में कचरा सूखने पर अक्सर यहां आग लग जाती है, जो कई दिनों तक नहीं बुझती। इससे आसपास के इलाकों जैसे बनभूलपुरा, गौजाजाली और गौलापार के लोगों के लिए भारी संकट उत्पन्न हो जाता है।
इस मामले की सुनवाई एनजीटी में हो रही है, और मामले की संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट ट्रिब्यूनल में दाखिल की जा चुकी है। हालांकि, अंतिम सुनवाई अभी बाकी है, लेकिन उससे पहले ही पीसीबी ने निगम को नोटिस भेज दिया। पीसीबी के क्षेत्रीय प्रबंधक अनुराग नेगी ने इसकी पुष्टि की है।
एनजीटी के निर्देश पर दिसंबर 2024 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), पीसीबी, निगम और प्रशासन के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया था। इसके बाद एक रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी को भेजी गई थी। इस बीच, पीसीबी ने 2022 में ट्रंचिंग ग्राउंड पर वायु प्रदूषण की जांच के लिए मशीनें लगाईं थीं, और लैब में जांच के बाद यह पाया गया कि वायु प्रदूषण 160 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच चुका था, जो मानक सीमा 100 माइक्रोग्राम से अधिक है। यह स्तर बीमार और सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक माना जाता है।
अब देखना यह होगा कि निगम प्रशासन इस नोटिस का क्या जवाब देता है और क्या प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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