रामनगर (उत्तराखंड): रामनगर के रानीखेत रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय को लेकर सोमवार सुबह बड़ा विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने दावा किया कि पार्टी कार्यालय के मुख्य द्वार पर लगे उनके ताले को तोड़कर किसी अन्य पक्ष ने जबरन कब्जा कर लिया और नए ताले लगा दिए। उन्होंने इस घटना के पीछे पुलिस प्रशासन की मिलीभगत का आरोप लगाया है।रणजीत रावत के अनुसार, उन्हें सुबह सूचना मिली कि कांग्रेस कार्यालय के गेट पर उनके द्वारा लगाया गया ताला तोड़ दिया गया है। मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने पुराने ताले को दोबारा लगवाया। लेकिन कुछ ही देर में भारी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंच गया और यह कहकर ताला तोड़ दिया गया कि कार्यालय के अंदर कुछ लोग बंद हैं।
पूर्व विधायक ने इस पूरी कार्रवाई को साजिश करार देते हुए कहा, “पुलिस की मौजूदगी में ताला तोड़ा गया, जो यह दर्शाता है कि प्रशासन कब्जा दिलाने में शामिल है। कुछ अधिकारी खुद कह रहे थे कि ऊपर बात कर लीजिए – यानी इस पूरे मामले में उच्च स्तर तक की मिलीभगत है।”रणजीत रावत ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हुए और कुछ को हिरासत में लेकर कोतवाली ले जाया गया। उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम डरने वाले नहीं हैं, कांग्रेस कार्यालय हमारा है और रहेगा। हम सत्ता और पुलिस के दबाव का खुलकर विरोध करेंगे।”
इस पूरे घटनाक्रम पर कोतवाल अरुण कुमार सैनी का कहना है कि पुलिस को 112 नंबर पर सूचना मिली थी कि कांग्रेस कार्यालय में दो पक्षों के बीच विवाद हो रहा है। शांति बनाए रखने के उद्देश्य से पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने ताला खोलकर स्थिति को नियंत्रण में लिया। “यदि दोनों पक्षों से तहरीर मिलती है, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी,” कोतवाल ने कहा।फिलहाल कांग्रेस कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। स्थानीय स्तर पर यह मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है और आने वाले दिनों में विवाद के और गहराने की आशंका जताई जा रही है।