Dehradun
उत्तराखंड में भूमि खरीद की जांच का दायरा बढ़ा: मुख्य सचिव ने मांगा ब्योरा…
देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में भूमि खरीद की जांच को और अधिक व्यापक बनाने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों से 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीद का विस्तृत ब्योरा तलब किया है। इसके साथ ही, 12.50 एकड़ से अधिक भूमि के उपयोग के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है।

मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सात दिन के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। पहले मुख्यमंत्री ने केवल चार जिलों के बारे में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ाकर सभी जिलों को शामिल किया गया है।
इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भूमि खरीद में नियमों का पालन हो। यदि किसी भी भूमि खरीद में नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो वह भूमि सरकार के पास निहित मानी जाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने ‘उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश, 2001) (संशोधन) अधिनियम, 2003’ की धारा 154(4)(3) के तहत भूमि क्रय की अनुमति प्राप्त करने वाले क्रेताओं द्वारा भूमि के निर्धारित प्रयोजन हेतु उपयोग में नहीं लाए जाने की स्थिति में आवश्यक जानकारी मांगी है।
राजस्व परिषद् उत्तराखंड द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। इस आदेश के अनुसार, यदि किसी क्रेता ने स्वीकृत सीमा 12.5 एकड़ से अधिक भूमि क्रय की है और उसका उपयोग निर्धारित प्रयोजन के लिए नहीं किया है, तो उस पर विवरण तैयार किया जाना चाहिए।
इससे पहले, उत्तराखंड अधिनियम संख्या 36 (वर्ष 2018) और अधिनियम संख्या 04 (वर्ष 2020) के माध्यम से धारा 154 में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए थे, जिसमें उपधारा (2) को प्रतिस्थापित किया गया और नई उपधारा (2-क) जोड़ी गई। इन संशोधनों के तहत, स्वीकृत सीमा 12.5 एकड़ से अधिक अंतरण की अनुमति प्रदान की गई है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण है, और संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। सभी विवरणों को निर्धारित प्रारूप पर तैयार करके राजस्व परिषद् उत्तराखंड के माध्यम से शासन को एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से भेजना होगा।
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