Dehradun
उत्तराखंड की रजत जयंती: 25 वर्षों का विकास, अब भविष्य की नई राह पर….
देहरादून: उत्तराखंड राज्य 9 नवंबर को अपने 25वें स्थापना दिवस यानी रजत जयंती का जश्न मनाएगा। यह दिन उत्तर प्रदेश से विभाजन के बाद उत्तरांचल राज्य के रूप में उत्तराखंड के गठन की याद दिलाता है, जिसने अब तक अपनी यात्रा में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। 24 वर्षों में राज्य ने विकास के नए आयाम छुए हैं और इसके साथ ही राज्यवासियों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं।
विकास की दिशा में किए गए महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड के गठन के बाद से ही राज्य ने बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार किया है। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, और लगभग सभी गांवों में बिजली पहुंचाई गई है। इसके अलावा, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में राज्य सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए हैं, जो राज्य के विकास में मददगार साबित हो रहे हैं।
सरकार ने यूसीसी (Uniform Civil Code) के लिए एक समिति बनाई थी, जो अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है, और इसे जल्द लागू करने की योजना है। इसके साथ ही, धर्मांतरण कानून और नकल विरोधी कानून भी बनाए गए हैं, जिनका उद्देश्य समाज में समानता और व्यवस्था बनाए रखना है। मुख्यमंत्री ने दंगों को रोकने के लिए दंगा नियंत्रण कानून भी लागू किया है, जिसमें सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दंगाइयों से वसूली की जाएगी।
रोजगार, पर्यटन और कृषि क्षेत्र में बदलाव
मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए रोजगार की दिशा में कड़े कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने हजारों लोगों को सरकारी नौकरी दी है, और होमस्टे योजना के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। पर्यटन क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देखा गया है, और राज्य सरकार ने स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
कृषि और उद्यान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण काम हुए हैं। कई मोटे अनाजों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है, और जैविक उत्पादन में उत्तराखंड ने पिछले तीन वर्षों से लगातार प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है।
महिलाओं और युवाओं के लिए अहम फैसले
उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं के हित में कई अहम फैसले लिए हैं। राज्य सरकार ने राजकीय नौकरियों में 33% महिला आरक्षण देने की पैरवी की है, जो अब विधेयक के रूप में पास हो चुका है। इसके अलावा, राज्य आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई है। राज्य में महिला नीति और युवा नीति भी बनाई जा रही है, जो जल्द ही लागू की जाएगी।
अगले साल जनवरी में राज्य 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी करेगा, जो राज्य के विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा।
भविष्य के लिए राज्य सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की रजत जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और कहा कि उत्तराखंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में लगातार प्रगति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं।
भू-कानून पर भी सरकार गंभीर रूप से विचार कर रही है और अगले बजट सत्र तक सख्त भू-कानून लाने की तैयारी हो रही है।
उत्तराखंड की भविष्यवाणी:
इन 24 वर्षों में उत्तराखंड ने बहुत कुछ हासिल किया है। राज्य ने अपनी सफलता की मिसाल पेश की है, खासकर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के मामले में, जिसे अन्य राज्य भी लागू करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार भविष्य में राज्यवासियों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए और कौन से कदम उठाती है।
कुल मिलाकर, राज्य ने अपने पहले 24 वर्षों में जो काम किए हैं, उन्होंने उसे एक मजबूत नींव दी है, और अब 25वें वर्ष में राज्य अपने विकास की यात्रा में नए आयाम छूने की दिशा में अग्रसर है।
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