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सरकार भवनों के निर्माण के मनको में करेगीं बड़ा बदलाब, जाने क्या होगें बदलाव ?
देहरादून – उत्तराखंड में जोशीमठ आपदा के बाद अब सरकार भवनों की ऊंचाई और नए निर्माण के मानक बदलने जा रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की सिफारिश पर भवन उपविधि (बिल्डिंग बॉयलॉज) में बदलाव होने जा रहा है। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में बैठक कर चर्चा की।

राज्य में मैदानी क्षेत्र में भवन की ऊंचाई अधिकतम 30 मीटर और पर्वतीय क्षेत्र में 12 मीटर निर्धारित है। सरकार अब इसमें परिवर्तन करने जा रही है। माना जा रहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाई में कुछ कमी की जा सकती है।
इन बिन्दुओ पर हो सकते है बदलाव
- 500 वर्ग मीटर से अधिक के प्लॉट पर निर्माण करने वालों को यहां ग्रीन एरिया बनाने के साथ ही पेड़ भी लगाने होंगे।
- ग्रुप हाउसिंग, बड़ी इमारतों का नक्शा तभी पास होगा, जब उन्हें ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके लिए एजेंसी निरीक्षण करेगी।
- 300 गज के प्लॉट में घर के बाहर का 10 से 15 प्रतिशत हिस्सा ग्रीनरी के लिए रखना अनिवार्य होगा।
- बड़े आवासों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाना होगा। मसलन, यूपीसीएल की सोलर रूफ टॉप या उरेडा के छोटे सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट। इससे बिजली की बचत होगी। कार्बन उत्सर्जन में भी गिरावट आएगी।
- पानी की बचत के लिए सभी फ्लैट में पेशाबघर बनाना अनिवार्य होगा।
- भवनों के नक्शे पास कराने को लेकर नए मानक तैयार होंगे।