Dehradun
शहर में सफाई की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होगा, डीएम का स्पष्ट संदेश…
देहरादून: जिलाधिकारी/प्रशासक सविन बंसल ने आज नगर निगम कार्यालय में शहर की सफाई व्यवस्थाओं की पिछले एक माह के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान, जिलाधिकारी ने पाया कि कूड़ा उठान के कार्य में कम्पनियां निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले केवल 70-80 प्रतिशत कूड़ा ही एकत्रित कर पा रही हैं। इसके बाद, उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी कम्पनियों को शत प्रतिशत कूड़ा उठान करने और एमओयू के अनुसार पर्याप्त उपकरण एवं मैनपावर लगाने के निर्देश दिए।
साथ ही, जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि सफाई कार्यों में लापरवाही और मानकों का पालन न करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कूड़ा उठान और सेग्रीगेशन कार्यों की प्रभावी निगरानी के लिए एक केंद्रीय डैशबोर्ड व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने इकोनवेस्ट और सनलाईट कम्पनियों को 15 दिन का समय देते हुए कहा कि यदि इनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो इनके वार्डों के लिए नई फर्म के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सफाई की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और यदि किसी कम्पनी की बोली मानकों के अनुरूप नहीं होगी तो उसका टेंडर रद्द कर दिया जाएगा।
शीशमबाड़ा कूड़ा डिस्पोजल पर जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि दिसम्बर माह में 6740 डिस्पोजल किए गए हैं, प्रतिदिन 500 टन कूड़ा शीशमबाड़ा पर आ रहा है, जबकि 800 टन कूड़ा प्रतिदिन डिस्पोजल किया जा रहा है। उन्होंने शीशमबाड़ा कूड़ा डिस्पोजल कार्य में कमी होने पर संबंधित फर्म पर पेनल्टी लगाने और भुगतान को कार्य के अनुरूप करने के निर्देश दिए।
साथ ही, जिलाधिकारी ने कूड़ा कलेक्शन और अन्य प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की और अधिकारियों को कहा कि जन निवेश के करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट्स को हल्के में न लिया जाए। अगर कोई अधिकारी काम में गंभीर नहीं है तो उसे अपने मूल विभाग में वापस भेजा जाएगा।
बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नमामि बसंल, अपर नगर आयुक्त हेमंत, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, गौरव जिसान, और पीएमसी एवं कम्पनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
#Dehradun, #WasteCollection, #MunicipalReview, #JiladhikariSandeepBansal, #TenderProcess