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देहरादून में तीन चिटफंड कंपनियों पर ठगी का आरोप, निवेशकों ने SSP से लगाई न्याय की गुहार

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देहरादून – राजधानी देहरादून में तीन कंपनियों पर निवेशकों से करोड़ों की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिन कंपनियों के खिलाफ यह आरोप लगे हैं, उनके नाम हैं: सर्व माइकोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन कंपनी, दून समृद्धि निधि लिमिटेड, और दून इन्फ्राटेक कंपनी

पीड़ित निवेशक आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देहरादून से मिले और उन्हें इस संगठित धोखाधड़ी की जानकारी दी। उन्होंने SSP को प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई और बताया कि किस तरह इन कंपनियों ने लोकलुभावन योजनाओं के जरिए आम जनता को झांसे में लेकर मोटी रकम निवेश करवाई और बाद में पैसे लौटाने से मुकर गईं।


लुभावने वादों में फंसाए लोग, और फिर गायब हो गए संचालक

पीड़ितों के अनुसार, इन कंपनियों ने दैनिक जमा योजना, आवृत्ति जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, मंथली इन्वेस्टमेंट प्लान, सुकन्या योजना जैसी स्कीमों के तहत लोगों को अधिक ब्याज और लाभ का लालच देकर निवेश कराया।

लेकिन जब तय समय पर न तो ब्याज मिला और न ही मूलधन वापस किया गया, तब निवेशकों को ठगे जाने का एहसास हुआ। इसके बाद कंपनियों के मुख्य संचालक फरार हो गए, और कार्यालय भी बंद हो गए।


पुलिस ने दर्ज किया केस, खातों पर लगी रोक

मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थाना नेहरू कॉलोनी में FIR दर्ज की है।

पंजीकृत मामला:

  • FIR संख्या: 348/25

  • धाराएं:

    • 22/4 (अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम)

    • 3 (उत्तराखंड जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम)

    • 316(2), 318(4), 61(2) (भारतीय न्याय संहिता – BNS)

पुलिस ने इन तीनों कंपनियों के सभी बैंक खातों को सीज़ करवा दिया है, ताकि कोई और धोखाधड़ी न हो सके और जनता की धनराशि को संरक्षित किया जा सके।


मुख्य संचालकों की तलाश जारी

SSP ने शिकायतकर्ताओं को आश्वस्त किया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और पुलिस की टीमें मुख्य आरोपियों की तलाश में लगी हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जो भी व्यक्ति या अधिकारी इस मामले में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


जनता से अपील

पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि किसी और को इन कंपनियों द्वारा ठगा गया है, तो वे तत्काल अपने नजदीकी थाना या साइबर क्राइम सेल में संपर्क करें और शिकायत दर्ज करवाएं।

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