रामनगर: बाघों के संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को और मजबूत करने के लिए आज “बाघ रक्षक योजना” का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा स्कूली बच्चों की मौजूदगी में लॉन्च किया गया, जिसमें स्थानीय विद्यालयों को भी शामिल किया गया। इस योजना को पिछले हफ्ते देहरादून में वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी मिली थी।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर डॉ. साकेत बटोला ने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न चरणों में काम किया जाएगा, जिसमें बच्चों को बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाएगा। पहले चरण में ढिकुली, ढेला और कालागढ़ के स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया है, जबकि रामनगर के महाविद्यालय को भी इस कार्यक्रम में भागीदार बनाया गया है। इन बच्चों को कॉर्बेट पार्क की जैवविविधता, वन्यजीवों के व्यवहार और उनके संरक्षण के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी।
जीआईसी स्कूल के प्रवक्ता दिनेश चंद रावत ने कहा कि यह कार्यक्रम उनके विद्यालय के बच्चों के लिए बहुत लाभकारी होगा, क्योंकि ये बच्चे उन क्षेत्रों से हैं जो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के नजदीक स्थित हैं और अक्सर इनका सामना वन्यजीवों से होता है। इस कार्यक्रम से बच्चों में जागरूकता बढ़ेगी और वे दूसरों को भी इसके बारे में जानकारी दे सकेंगे, जिससे मानव-बाघ टकराव में कमी आएगी।
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