Haldwani

गजराज महाराज की जान बचाने के लिए रेलवे ट्रेक के किनारे दौड़ेगी बाइक, कवायद हुई शुरू। 

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हल्द्वानी – तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगलों में रेलवे लाइन को पार करते समय हाथियों की ट्रेन की टक्कर से होने वाली मौत की घटनाओं को रोकने के लिए कवायद की जा रही है। राजाजी नेशनल पार्क की तर्ज पर तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगल में भी रेलवे लाइन के किनारे गश्त के लिए 10 किलोमीटर का बाइक का रूट बनाने की योजना है। विभाग ने इसका प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है।

इस रूट में संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही के समय हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। ट्रैक के आसपास हाथी होने पर उनको हटाने की कोशिश के साथ ही रेलवे को जानकारी भी साझा की जाएगी। सर्दियों में गश्त के लिए विभाग ने मुख्यालय से आठ स्थायी कर्मचारियों की मांग की है।

दो महीनों में तीन हाथियों की मौत
सर्दियों में कोहरे के कारण अक्सर ट्रैक पार करते समय हाथी ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार तराई प्रभाग के जंगलों में 23 साल में 11 हाथी ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं। पिछले दो महीनों में ट्रेन की टक्कर से तीन हाथियों की मौत हो चुकी है। पूर्व में हुई दुर्घटनाओं के बाद रेलवे और वन विभाग के बीच रात में गूलरभोज, बरेली और हल्द्वानी मार्ग पर धीमी गति से ट्रेन चलाने पर समझौता हुआ था।

इसके बावजूद भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। घने वन क्षेत्र में कर्मचारियों को ट्रैक के आसपास हाथियों की मूवमेंट को ट्रेस करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वन क्षेत्र में ट्रैक पर पैदल निगरानी करना संभव नहीं है। वन विभाग की ओर से निदेशालय को ट्रैक के साथ-साथ वन क्षेत्र में बाइक का कच्चा रास्ता तैयार करने का प्रस्ताव भेजा गया हैं।

बाइक रूट तैयार होने से कम समय में अधिक दूरी तक रेलवे ट्रैक पर निगरानी की जाएगी। हादसों के लिहाजा से अतिसंवेदनशील जगहों को चिह्नित भी किया गया है।

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