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केदारघाटी के तीन गांवों में परंपरा वाला ‘लॉकडाउन’, बाहरी लोगों की नो एंट्री….

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रुद्रप्रयाग: आध्यात्म और संस्कृति की जीवंत मिसाल बनी केदारघाटी एक बार फिर जाख मेले की तैयारियों से सराबोर हो उठी है। हर वर्ष बैशाख माह की द्वितीया तिथि (बैसाखी के अगले दिन) को आयोजित होने वाला यह अनोखा मेला इस बार 14 अप्रैल को गुप्तकाशी के पास जाखधार में होगा। इस मेले को लेकर क्षेत्र की धार्मिक भावनाएं और पारंपरिक आस्थाएं चरम पर हैं।

मेले से जुड़ी परंपराओं की पवित्रता बनाए रखने के लिए देवशाल, कोठेडा और नारायणकोटी गांवों में आज से “लॉकडाउन” जैसा माहौल है। बाहरी लोगों, यहां तक कि रिश्तेदारों तक का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। यह नियम अग्निकुंड निर्माण से लेकर मेले के आयोजन तक सख्ती से पालन किया जाता है। हालांकि आधुनिक समय में इसमें थोड़ी ढील भी देखने को मिल रही है, पर परंपरा अब भी जीवंत है।

स्थानीय ग्रामीण पिछले कई दिनों से लकड़ियां एकत्रित करने में जुटे हैं, जिनसे करीब 50 क्विंटल वजनी अग्निकुंड तैयार किया जाएगा। मुख्यतः बांज और पैंया वृक्षों की लकड़ियों से बना यह अग्निकुंड 14 अप्रैल की रात को प्रज्वलित किया जाएगा और रातभर धधकती अग्नि में जाख देवता के स्वागत की तैयारियां होती रहेंगी।

15 अप्रैल को मुख्य आयोजन में जाखराज, ढोल-नगाड़ों के साथ कोठेडा और देवशाल से होते हुए जाखधार पहुंचेंगे। यहां वे दहकते अंगारों के बीच नृत्य कर भक्तों को आशीर्वाद देंगे। यह नजारा न सिर्फ आस्था, बल्कि अद्भुत शौर्य और श्रद्धा का प्रतीक होता है।

देवशाल गांव के आचार्य हर्षवर्धन देवशाली बताते हैं कि यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि केदारघाटी की आत्मा है। जाखधार का जाख मंदिर पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए श्रद्धा और सुरक्षा का केंद्र है। जाखराज को क्षेत्रपाल देवता माना जाता है और क्षेत्र में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

परंपरा के अनुसार, जाखराज के पश्वा (धार्मिक माध्यम) को दो सप्ताह पहले से गांव और परिवार से अलग रहना पड़ता है। इस बार नारायणकोटी के सच्चिदानंद पुजारी पश्वा की भूमिका निभा रहे हैं। वे दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं और शुद्धता का संकल्प लिए रहते हैं।

गुप्तकाशी के जाखधार का यह मेला न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही सांस्कृतिक विरासत का सजीव प्रमाण भी है। यहां की आग, नृत्य और आस्था हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।

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