देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादित बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके बयान के खिलाफ विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें प्रदेश पार्टी कार्यालय बुलाकर उनका पक्ष जानने का फैसला लिया।
रविवार (23 फरवरी) को मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पार्टी मुख्यालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार के समक्ष अपना स्पष्टीकरण दिया। बैठक के बाद महेंद्र भट्ट ने उन्हें नसीहत दी कि उन्हें अपने शब्दों का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए ताकि राज्य का माहौल खराब न हो। उन्होंने कहा कि बीजेपी अनुशासित पार्टी है और पार्टी के किसी भी नेता को समाज में गलत संदेश नहीं देना चाहिए।
अपने बयान को लेकर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आरोप लगाया कि उनका बयान गलत तरीके से प्रचारित किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से हटा कर पेश किया गया। अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि उनके बयान में किसी समुदाय या क्षेत्र को अपमानित करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने दावा किया कि सोशल मीडिया पर उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया, जिससे यह विवाद उत्पन्न हुआ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तराखंड हम सभी का है और इसमें विभिन्न अंचलों और समुदायों का योगदान है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी किसी की भावनाओं को आहत करने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने सभी से राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करने की अपील की और किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को बढ़ावा न देने की बात की।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है और किसी भी नेता को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जो राज्य की शांति भंग करें। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर इस मामले को जानबूझकर हवा दी जा रही है और मुख्यमंत्री से आग्रह किया जाएगा कि इस पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
मंत्री के बयान के बाद विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस ने इसे जनता की भावनाओं को आहत करने वाला बयान करार दिया और मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। विपक्ष ने बीजेपी को इस मामले में जवाबदेह ठहराया है।
बैठक के बाद मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वह भविष्य में अपने शब्दों का चयन सावधानी से करेंगे और ऐसी कोई बात नहीं कहेंगे जिससे किसी की भावनाएं आहत हों। उन्होंने यह भी कहा कि उनका इरादा कभी भी किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था और अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह खेद व्यक्त करते हैं।
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