देहरादून: उत्तराखंड में मूल निवास भू-कानून की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है, और लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच, पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने भी इस मुद्दे पर सक्रियता दिखाते हुए विधानसभा सत्र के पहले दिन भू-कानून और मूल निवास की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
भीमलाल आर्य, जो घनसाली के पूर्व विधायक हैं, विधानसभा के गेट पर पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर अडिग नजर आए और उत्तराखंड में जल्द ही मूल निवास और भू-कानून लागू करने की मांग की। उनके साथ ही उत्तराखंड में लंबे समय से भू-कानून और रोजगार को लेकर आंदोलनरत लोग भी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जहां विपक्ष ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर हंगामा किया, वहीं पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने भू-कानून और मूल निवास कानून की तत्काल लागू करने की मांग की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें कुछ समय बाद हिरासत में ले लिया।
राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण में सरकार के कार्यों का उल्लेख किया गया। इस बीच कांग्रेस विधायकों ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की, जिसमें बसपा विधायक मो. शहजाद ने भी कांग्रेस का समर्थन किया। इस मुद्दे को लेकर बहस भी जारी रही।
वहीं, भाजपा के लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत ने भी विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने का ऐलान किया। उनका कहना था कि अगर वन अधिकार अधिनियम पर चर्चा नहीं होती है, तो वह सत्र का हिस्सा नहीं बनेंगे।
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