Dehradun
Uttarakhand Budget: वित्त मंत्री ने राज्य के विकास के लिए 1 लाख करोड़ का बजट किया पेश…
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में गुरुवार को वित्त मंत्री ने लगभग एक लाख करोड़ के बजट का प्रस्तुतीकरण किया। यह बजट राज्य के समग्र विकास और आर्थिक सशक्तीकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इस बार आध्यात्मिक पर्यटन और नए शहरों के विकास पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है, साथ ही महिलाओं और युवाओं के लिए गेमचेंजर योजनाओं की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के विकास के लिए आध्यात्मिक पर्यटन को एक बड़ी अवसर के रूप में देखा है। बजट में इस क्षेत्र के लिए अवस्थापना ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए बड़ी राशि आवंटित की जा सकती है। इसके साथ ही, शीतकालीन पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं का उल्लेख किया गया है, ताकि राज्य में पर्यटकों की संख्या को बढ़ाया जा सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
नए बजट में राज्य के विभिन्न हिस्सों में दो नए शहरों के विकास का प्रस्ताव है, ताकि प्रदेश के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही, सड़कों के विस्तार और गांवों तक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए भी बड़े कदम उठाए जाएंगे। इन योजनाओं से राज्य की समग्र सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बजट में खास ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री ने ‘लखपति दीदी योजना’ को और मजबूत करने का वादा किया है, जो महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, युवाओं और विद्यार्थियों के कौशल विकास और उद्यमिता के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। राज्य में ग्रामीण शासन और पंचायतों के सशक्तीकरण के लिए भी गेमचेंजर योजनाओं का ऐलान किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संकल्प को स्पष्ट किया है, जिसमें राज्य की अर्थव्यवस्था को पांच वर्ष के भीतर दोगुना करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पर्यटन, शिक्षा, कौशल विकास और आधारभूत संरचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अगले बजट का आकार 1.25 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जिसमें जल जीवन मिशन, ग्रामीण सड़कों के विकास और नए शहरों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने विकास कार्यों में तेजी लाने के प्रयास किए थे, लेकिन चुनावी आचार संहिता और अन्य कारणों से उसमें कुछ रुकावटें आईं। अब, नए वित्तीय वर्ष में सरकार इन कार्यों को फिर से गति देने के लिए तैयार है, ताकि प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक उत्थान में कोई कसर न छोड़ी जाए।