Dehradun

उत्तराखंड सरकार पर लगाया महिला अपराधों को छुपाने का आरोप, विभिन्न संगठनों ने राज्यपाल को लिखा खुला पत्र

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देहरादून – 18 राज्यों के 53 महिला एवं जनसंगठनों के साथ 100 आंदोलनकारियों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने राज्यपाल के नाम पर खुला पत्र लिखा। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि नफरती हिंसा और दुष्प्रचार फैलाकर राज्य में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को छिपाने की कोशिश की जा रही है।

कहा, एक प्रकार के अपराधों को छिपाने के लिए दूसरी प्रकार के अपराधों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कहा, उत्तराखंड में बीते कुछ सप्ताहों में महिलाओं पर अत्याचार की कई घटनाएं हुई हैं। जिनमें रुद्रपुर, देहरादून, सल्ट और लालकुआं की घटनाएं शामिल हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात है कि सल्ट और लालकुआं में सत्ताधारी भाजपा के नेता आरोपित हैं।

लेकिन, पहले पुलिस ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी तक नहीं की और फिर उन पर हल्की धाराएं लगा रही है। इन्ही सप्ताहों में चंद संगठन एवं व्यक्ति ने कीर्तिनगर, चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून और अन्य जगहों में महिलाओं की सुरक्षा के बहाने धर्म के आधार पर बेकसूर लोगों पर हमले किए हैं।

कहा, सरकार को यह भी याद होना चाहिए कि 2023 में उत्तरकाशी के पुरोला में ऐसे ही आपराधिक अभियान चलाया गया था। बाद में पता चला कि कथित छेड़छाड़ की घटना फर्जी थी। इन सारे आपराधिक घटनाओं के लिए आज तक किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति या संगठन पर कार्रवाई नहीं हुई है।

आरोप लगाया, उत्तराखंड सरकार महिलाओं और जनता को सुरक्षा देने में विफल रही है। ऐसा लग रहा कि सत्ताधारी दल और उनके संगठनों से जुड़े अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है। मांग की कि राज्यपाल सरकार को निर्देशित करें कि महिलाओं पर हो रहे अपराधों और नफरत फैलाने वाले अपराधों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।

ये हैं प्रमुख संगठन
ऑल इंडिया फेमिनिस्ट एलायंस, मीरा संघमित्रा, एनएपीएम, नेशनल काउंसिल ऑफ विमैन लीडर्स, अफकार इंडिया फाउंडेशन, रिवॉल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन, फेमिनिस्ट्स इन रेसिस्टेंस, बेबाक कलेक्टिव, स्वावलंबन समाज विकास संस्था, संभावना इंस्टीट्यूट, वन गुज्जर ट्राइबल युवा संगठन, इंडिया कम्यूनिटी एक्टिविस्ट नेटवर्क, जनशक्ति, फोरम अगेंस्ट ऑपरेसन ऑफ विमैन, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, एआईएसएफ, आदिवासी मुक्ति संगठन, मनरेगा मजदूर यूनियन, दलित अधिकार अभियान, झारखंड किसान परिषद, पीयूसीएल, स्वराज इंडिना, अलिफा औरंगाबाद, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति, नागा बैगा जन शक्ति संगठन, जय आदिवासी युवा संगठन, उत्कल सर्वोदय मंडल, किसान मजदूर संगठन सीतापुर, बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, अवध यूथ कलेक्टिव, यूपी लैंड फोरम, दिल्ली फोरम, उत्तराखंड महिला मंच, हिमल प्रकृति, ऑल इंडिया युवा भारत, समदृष्टि मीडिया आदि।

 

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