Dehradun
उत्तराखंड: औद्योगिक विकास अब पहाड़ों की ओर, युवाओं को मिलेगा घर के पास रोजगार
देहरादून: राज्य सरकार अब औद्योगिक विकास को पर्वतीय जनपदों तक पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में राज्य के नौ पहाड़ी जिलों में 10 हजार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग स्थापित किए जाएं। इन उद्योगों के माध्यम से दो लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
ये उद्योग स्थानीय संसाधनों और उत्पादों पर आधारित होंगे…ताकि पहाड़ों में ही रोजगार सृजन हो सके और पलायन की समस्या का स्थायी समाधान निकले। सरकार औद्योगिक निवेश को पर्वतीय जिलों की ओर मोड़ने की दिशा में ठोस रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा…जिससे स्थानीय कच्चे माल और पारंपरिक उत्पादों का उपयोग कर आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
राज्य सरकार प्रत्येक पहाड़ी जनपद में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने का निर्णय ले चुकी है। फिलहाल औद्योगिक विकास का केंद्र अधिकतर मैदानी जिले हैं, जहां हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में पिछले ढाई दशकों में 51,123 उद्योग स्थापित हुए हैं, जबकि नौ पहाड़ी जनपदों में यह संख्या 43,431 है।
सरकार का मानना है कि अक्षय ऊर्जा, हर्बल, एरोमेटिक्स, उद्यानिकी, फूलों की खेती, पर्यटन और तीर्थाटन जैसे क्षेत्रों में ग्रीन उद्योगों को बढ़ावा देकर युवाओं को घर के पास स्वरोजगार के अवसर दिए जा सकते हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा…बल्कि पलायन पर भी अंकुश लगेगा।
उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने कहा कि सरकार का फोकस अब पहाड़ों की ओर है। एमएसएमई के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं…ताकि उद्योगों का रुख पर्वतीय क्षेत्रों की ओर मोड़ा जा सके।