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उत्तराखंड: सांड ने बाघ से बचाई थी जान, 10 महीने बाद उसी बाघ ने ली उसकी जान….
रामनगर: उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकुली क्षेत्र से एक दिलचस्प और रोमांचक घटना सामने आई है। यहां एक बाघ ने 10 महीने बाद अपने शिकार, एक आवारा सांड, से बदला लिया।
11 अप्रैल 2024 को ढिकुली गांव के पास बाघ और सांड के बीच एक जबरदस्त भिड़ंत हुई थी, जिसमें बाघ को पीछे हटना पड़ा था और सांड किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहा था। इस घटना ने सभी को चौंका दिया था, क्योंकि आमतौर पर बाघ के सामने कोई भी जानवर टिक नहीं पाता। हालांकि, इस सांड ने अपनी पूरी ताकत से बाघ का मुकाबला किया, जिससे बाघ को हार माननी पड़ी। लेकिन बाघ ने इस सांड की इस हिमाकत को कभी नहीं भुलाया।
अब, लगभग 10 महीने बाद, 23 फरवरी 2025 की रात, बाघ ने सांड पर फिर से हमला किया और इस बार उसे अपनी ताकत के सामने पूरी तरह से झुका दिया। रामनगर वन विभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह सांड एक आवारा जानवर था, जो ढिकुली क्षेत्र में घूम रहा था। पहले बाघ ने इसे छोड़ दिया था, लेकिन इस बार बाघ के हमले में सांड की मौत हो गई।
वन विभाग ने इस घटना के बाद चेतावनी जारी की है कि इस क्षेत्र में बाघों की लगातार गतिविधियां देखी जा रही हैं। आवारा पशु जंगल के किनारे घूमते रहते हैं, जिससे बाघों को आसान शिकार मिल जाता है और वे जंगल से बाहर आ जाते हैं। इस कारण वन विभाग ने स्थानीय पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने मवेशियों को खुले में न छोड़ें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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