Dehradun
सीएम धामी ने जल विद्युत निगम को सौंपा 20.10 करोड़ के लांभाश का चैक,कारपोरेट भवन का लोकार्पण, इण्टर कॉलेज भानियावाला को दी बस, फ्लेग ऑफ कर किया रवाना।

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को सायं उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के 23वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को जल विद्युत निगम के एम.डी ने 20 करोड़ 09 लाख 58 हजार 211 रूपये का लाभांश का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने यूजेवीएनएल के कारपोरेट भवन का लोकार्पण के साथ ही सी.एम.आर के तहत सरस्वती विद्या इण्टर कॉलेज भानियावाला को दी गई बस को फ्लेग ऑफ कर रवाना किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में लक्ष्य से अधिक 3.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव शामिल है। उन्होंने जल विद्युत निगम से 2030 तक विद्युत उत्पादन के लक्ष्य 2200 मेगावाट को और अधिक बढ़ाये जाने पर बल देते हुए अपेक्षा की कि जल विद्युत निगम प्रदेश में स्थापित तथा नये स्थापित होने वाले उद्योगों की विद्युत जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान देना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी विभागों एवं संस्थानों से बेहतर वर्क कल्चर के साथ जीरो पेडेंसी का संकल्प लेने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के उपरांत यूजेवीएनएल का गठन उत्तराखण्ड को सही अर्थों में ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए किया गया था। जिसे निगम द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले अपने रिकार्ड उत्पादनों के माध्यम से साबित भी किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निगम अपनी बेहतर कार्यसंस्कृति और कुशल प्रबन्धन के बल पर इसी प्रकार ऊर्जा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा। राज्य निर्माण के समय ऊर्जा क्षेत्र को हमारी आर्थिकी का मूल आधार माना गया था, परंतु हमारा यह लक्ष्य अभी तक पूर्णरूपेण सफल नहीं हो पाया है। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर यह विचार करें कि इस दिशा में कैसे तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र की विकास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने में हमें केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है।इसका उदाहरण लखवाड़ बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना है जिसमें तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना से करीब 475 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हो सकेगा, जो हमारे प्रदेश के लिए ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर सृजित करेगा। इसके साथ ही जमरानी बांध परियोजना के लिए भी केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है, जिस पर भी कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
यूजेवीएनएल द्वारा अप्रैल-मई 2022 में व्यासी परियोजना (120 मे.वा.) का कार्य पूर्ण कर एक ऐतिहासिक कार्य किया गया है, जो देवभूमि के ऊर्जा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना से जहां एक ओर जौनसार बावर के क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी, वहीं दूसरी और स्थानीय लोगों के जीवन में आर्थिकी का सुधार भी हो सकेगा। लखवाड (300 मे.वा.) जैसी बहुउद्देशीय परियोजना पर कार्य प्रारम्भ होने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इससे 05 राज्यों को पीने एवं सिंचाई हेतु जल की आपूर्ति सहित उत्तराखंड को अतिरिक्त 300 मे०वा० की बिजली मिल सकेगी। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 15 मे.वा. की मदमाहेश्वर परियोजना भी सफलतापूर्वक अपना उत्पादन प्रारम्भ करेगी। वृहद परियोजनाओं के अन्तर्गत यमुना घाटी में त्यूनी-प्लासू 72 मे.वा. जल विद्युत परियोजना और आराकोट-त्यूनी की 81 मे.वा. की परियोजना की डी०पी०आर० बनाने की प्रक्रिया भी वर्तमान में चल रही है। राज्य सरकार जीरो पेंडेसी वर्क कल्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिये हर क्षेत्र में सरलीकरण, समाधान, निस्तारिकरण एवं संतुष्टि के मूलमंत्र के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग में 2008 में केंद्र सरकार द्वारा जल विद्युत नीति लायी गयी थी, जिसे लागू नहीं किया गया था, लेकिन हमने कैबिनट की बैठक में जल विद्युत नीति लाकर उसे लागू करने का प्रयास किया है। उन्होंने यूजेवीएनएल सहित अन्य संस्थानों को अपनी संपत्तियों का भी ध्यान रखने को कहा। ऐसे कई मामले संज्ञान में आ रहे है, जिनमें संस्था की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हुआ है। संस्थानों को सरकार की जमीन मिलती है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी है, इसलिए सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्र का अवलोकन करे और जमीनों को कब्जामुक्त करायें। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी सूरत में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है और हमारी सरकार संकल्पबद्ध होकर इसे पूर्ण करने की दिशा में कार्यरत है। हम अपने ‘विकल्प रहित संकल्प‘ के साथ उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं। इस लक्ष्य को पूर्ण करने एवम् उत्तराखंड को विकसित, सक्षम व आदर्श राज्य बनाने के लिए हमारी सरकार दिन-रात कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने यूजेवीएनएल सहित अन्य ऊर्जा निगमों से अपेक्षा की कि वे उपलब्ध संसाधनों का सही प्रयोग कर प्रदेश को उर्जा क्षेत्र में देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए निरंतर अपना योगदान देते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ऊर्जा के क्षेत्र में ज्ञान, विज्ञान एवं नवाचार के साथ ग्रीन इनर्जी के क्षेत्र में भी इकोलॉजी तथा इकोनामी का समन्वय बनाकर आगे बढ़ना होगा। हमे राज्य की जीडीपी को दुगना करने की दिशा में कार्य करना है। इस दिशा में प्रधानमंत्री श्री मोदी हमें प्ररेणा देने के साथ कर्तव्य बोध भी कराते है। हमें इस चुनौती का मिलकर सामना करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा में उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिशन बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री के आदि कैलाश, गूंजी आदि क्षेत्रों के भ्रमण से यहां देश व दुनिया के लोग आने लगे है। मुख्यमंत्री ने सभी से अपेक्षा की कि वे देहरादून शहर की साफ-सफाई एवं सुंदरता के लिए किये गये प्रयासों में सहयोगी बने ताकि साफ सफाई व सुन्दरता में देश के प्रमुख शहरों में हमारा शहर शामिल हो।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा निगम की बेहतर कार्यसंस्कृति बनाए रखने तथा निगम के कार्मिकों का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2022-23 में सराहनीय प्रदर्शन पर विभिन्न विद्युतगृहों एवं परियोजनाओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इस कड़ी में आर.एम.यू. के साथ सर्वश्रेष्ठ विद्युतगृह का पुरस्कार खटीमा विद्युतगृह को प्रदान किया गया। इसके साथ ही आर.एम.यू. के बिना सर्वश्रेष्ठ विद्युतगृह का पुरस्कार कुल्हाल विद्युतगृह को तथा द्वितीय पुरस्कार खोदरी विद्युतगृह को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ निर्माणाधीन परियोजनाओं में काली गंगा द्वितीय परियोजना को सर्वश्रेष्ठ निर्माणाधीन परियोजना का पुरस्कार प्रदान किया गया। साथ ही इस अवसर पर ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड द्वारा हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 45वीं ऑल इंडिया पावर बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक विजेता उत्तराखंड पावर स्पोर्ट्स ग्रुप की बैडमिंटन टीम के सदस्यों जी.एस. बुदियाल, गोपाल सिंह, ललित कुमार, आदित्य राठी, रक्षित भंडारी तथा सुमित राणा को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम राधा रतूड़ी ने कहा कि हम पिछले दो वर्षों से प्रदेश को ऊर्जा प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन्वेसमेंट के तहत उद्योगों की स्थापना के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। ऊर्जा इंडस्ट्री में आक्सीजन की भांती होती है। यहां टैरिफ अधिक नही है। उन्होंने ऊर्जा निगमों में इकोलॉजी तथा इकोनामी के समन्वय के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने पर ध्यान देने को कहा तभी हम उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में सफल होंगे।
अपने संबोधन में यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड का गठन उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने तथा राज्य को विद्युत उत्पादन की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने हेतु किया गया था जिसे निगम द्वारा अपने रिकॉर्ड उत्पादनों द्वारा बार-बार साबित भी किया गया है। सदीप सिंघल ने बताया कि निगम की परियोजनाओं द्वारा वर्ष 2022-23 में 5433 मिलियन ऊर्जा का उत्पादन करते हुए 115.64 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया गया। उन्होंने कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा लगातार पिछले सात वर्षों से राज्य सरकार को लाभांश प्रदान किया जा रहा है। संदीप सिंघल ने यूजेवीएन लिमिटेड को हनोल त्यूणी जल विद्युत परियोजना एवं लखवाड़ पंप स्टोरेज परियोजना सहित यूजेवीएन लिमिटेड तथा टीएचडीसी के संयुक्त उपक्रम को 489 मेगावाट की तीन जल विद्युत परियोजनाएं तथा 1230 मेगावाट की दो पंप स्टोरेज परियोजनाएं आवंटित करने पर माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद भी दिया।
कार्यक्रम में विधायक देहरादून कैंट सविता कपूर, यू.ई.आर.सी. के अध्यक्ष डी.पी. गैरोला, अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष यूजेवीएन लिमिटेड राधा रतूड़ी, निदेशक परियोजनाएं सुरेश चंद्र बलूनी, निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी के साथ ही बड़ी संख्या में निगम के अधिकारी कर्मचारी व अन्य लोग उपस्थित थे।
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पंचायत चुनाव का बड़ा अपडेट, आरक्षण की आखिरी सूची जारी

देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश के हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य सभी 12 जिलों में 10,000 से अधिक ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत पदों पर आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी गई है। जिला निर्वाचन कार्यालयों की ओर से यह सूची सार्वजनिक की गई है।
देहरादून जिले की बात करें तो यहां जिला पंचायत के कई वार्डों और प्रमुख पदों पर आरक्षण तय कर दिया गया है।
शेरपुर, कचटा, उदपालटा को अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
बायला, मंगरौली को अनुसूचित जनजाति
सुद्धोवाला, केदारावाला, लाखामंडल को अनुसूचित जाति महिला
मोहन और मलेथा को अनुसूचित जाति
खुशहालपुर, माजरी ग्रांट तृतीय, एटनबाग को अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
शाहपुर कल्याणपुर व शंकरपुर द्वितीय को अन्य पिछड़ा वर्ग
खदरी खड़कमाफ प्रथम, साहबनगर, हरिपुर कला तृतीय, बड़कोट माफी व भुड्डी द्वितीय को सामान्य महिला
जबकि डाकपत्थर द्वितीय, नवाबगढ़, अस्थल, जस्सो वाला, चंद्रोटी, रायगी, व्यासनहरी, बृनाडबास्तील और आरा को अनारक्षित घोषित किया गया है।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों के लिए:
कालसी को अनुसूचित जनजाति महिला
चकराता को अनुसूचित जाति महिला
सहसपुर को अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
जबकि रायपुर, डोईवाला और विकासनगर को अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है।
इसके साथ ही चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर और टिहरी जिलों में भी आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी गई है।
हरिद्वार जिले में फिलहाल आरक्षण सूची की प्रक्रिया लंबित है, जिसकी घोषणा जल्द की जा सकती है।
प्रशासन की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरक्षण सूची का प्रकाशन पंचायत चुनावों की समय-सारिणी को लेकर चल रही तैयारियों का हिस्सा है, और इससे संभावित प्रत्याशियों को भी दिशा मिलेगी कि वे किस वार्ड या पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
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सरकार का फैसला: खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेना अब होगा प्रतिबंधित

देहरादून: उत्तराखंड में अब खतरनाक और हादसा संभावित स्थानों पर सेल्फी लेना महंगा पड़ सकता है। राज्य सरकार ऐसे स्थानों को नो-सेल्फी जोन घोषित करने जा रही है, जहां पर सेल्फी लेने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह निर्णय बढ़ते हादसों को रोकने के लिए लिया गया है, खासकर युवाओं द्वारा जोखिम भरे स्थानों पर खींची जा रही जानलेवा सेल्फियों को ध्यान में रखते हुए।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में सभी जिलों के डीएम, एसपी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़ में लोग अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं, जिससे गंभीर हादसे हो रहे हैं।
सचिव ने लिखा कि जलप्रपात, नदी किनारे, ऊँचाई वाली पहाड़ियाँ, पुल, रेलवे ट्रैक और अन्य प्रतिबंधित स्थानों पर सेल्फी लेते समय कई लोगों की जान जा चुकी है। खासकर युवाओं में यह प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, जिसे रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।
सरकार की योजना है कि सुरक्षित स्थानों को चिह्नित कर उन्हें सेल्फी जोन के रूप में विकसित किया जाए। इन स्थलों पर कार पार्किंग, शौचालय, अल्पाहार और अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इनका संचालन स्थानीय लोगों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जा सकता है…जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रशासन, नगर निकाय, जिला और ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि वे सेल्फी जोन के प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें। सरकार का उद्देश्य पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के साथ-साथ अनुभव को भी बेहतर बनाना है…ताकि कोई दुर्घटना न हो और लोग सुरक्षित वातावरण में अपनी यादें संजो सकें।
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उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी, आज इन इलाकों में रहें सावधान

देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मौसम तो सुहावना बना दिया है…लेकिन इसके साथ ही लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। प्रदेश के कई जिलों में बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। उमस भरी गर्मी से जहां लोगों को राहत मिली है…वहीं बारिश के कारण कई मार्गों पर मलबा और बोल्डर गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं।
मौसम विभाग ने गुरुवार को राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। खासकर बागेश्वर और नैनीताल जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सावधानी बरतने की अपील की गई है।
राजधानी देहरादून में आसमान में आंशिक से लेकर घने बादल छाए रहेंगे और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) चलने की भी संभावना है…जिससे पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। लगातार हो रही बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं…जिससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है।
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