देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का तीन साल का कार्यकाल आज 7 जनवरी को पूरा हो गया। अपने कार्यकाल के दौरान, अजेंद्र ने बीकेटीसी की कार्य संस्कृति में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। विरोधों के बावजूद वे सुधारों के प्रति तटस्थ रहे और समिति के कामकाजी माहौल को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। अब, बीकेटीसी के नए अध्यक्ष के चयन के लिए धामी सरकार निर्णय लेगी।
अजेंद्र अजय को 2022 में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने के बाद बीकेटीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके अध्यक्ष बनने के बाद से, उन्होंने बदरीनाथ और केदारनाथ सहित राज्य के 47 छोटे-बड़े मंदिरों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने और बीकेटीसी के ढांचे और कार्य संस्कृति में बड़े बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाए।
अजेंद्र के कार्यकाल के दौरान बीकेटीसी में कर्मचारियों के लिए पहली बार तबादला नीति बनाई गई, जिसे कर्मचारियों ने विरोध किया। इसके अलावा, बीकेटीसी के विश्राम गृहों और प्रोटोकॉल व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, ताकि वे तीर्थयात्रियों के साथ बेहतर आतिथ्य व्यवहार सीख सकें।
इसके अलावा, बीकेटीसी में कर्मचारियों की पदोन्नति और नियुक्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवा नियमावली लागू की गई। बीकेटीसी में वित्तीय प्रबंधन को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य वित्त सेवा के अधिकारी की तैनाती की गई, जिसके परिणामस्वरूप संस्था की आय में काफी वृद्धि हुई।
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य भी अजेंद्र अजय के कार्यकाल में हुआ, जो चर्चाओं का विषय बना। चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ में वीआईपी दर्शन पर शुल्क लगाने की व्यवस्था भी शुरू की गई। इसके अलावा, बीकेटीसी ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक सहित 57 नए पदों का सृजन किया।
अजेंद्र अजय ने कहा कि उनके तीन साल के कार्यकाल में मंदिर समिति की कार्य संस्कृति में सुधार लाने और तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने के प्रयास किए गए हैं।