उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जनपद के सीमांत विकास खंड भट्टवाडी में सरकार ने ‘वाईब्रेंट ब्लेज़’ योजना के तहत विकास की बयार लाने की पूरी कोशिश की है, लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां लोग आज भी सड़क के ख्वाबों के साथ जीवन जी रहे हैं। पिलंग गांव, जो कि जनपद मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित है, आज भी सड़क की सुविधा से वंचित है।
2021 में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पिलंग गांव को सड़क मिलने का सपना दिखाया गया था, लेकिन ठेकेदार और विभागीय लापरवाही के कारण यह सपना आज तक पूरा नहीं हो सका। सड़क के निर्माण में लगी कार्यदाई संस्था, पीएम जी एस वाई के अधिकारी कहते हैं कि उन्हें सड़क काटने के लिए मशीनरी की आवश्यकता है, लेकिन पुल का निर्माण न होने के कारण वह सड़क काटने के लिए मशीन भेजने में सक्षम नहीं हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, यह गांव ईको सेंसिटिव जोन में होने के बावजूद इस तक सड़क पहुंचाने की मांग वर्षों से की जा रही थी। 2020 में जब उत्तराखंड सरकार ने इस गांव के लिए सड़क के निर्माण की घोषणा की थी, तो ग्रामीणों ने इसे विकास का प्रतीक माना था, लेकिन एक छोटे से पुल के निर्माण में ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह प्रक्रिया रुक गई है।
सड़क की आस में अब तक पिलंग के लोग 10 किलोमीटर की विषम पैदल दूरी तय करने को मजबूर हैं। यहां के वृद्ध लोग वर्षों से जनपद मुख्यालय नहीं जा पाए हैं, और गर्भवती महिलाओं के लिए तो रास्ते में ही डिलीवरी होने की आशंका रहती है। गांव में यदि किसी को कोई बीमारी होती है तो उसे डंडियों के सहारे अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है।
अब, गांव के लोग इस लापरवाही से तंग आकर आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं। उनका कहना है कि यदि अगले एक सप्ताह के अंदर ब्रिडकुल और ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया तो वे आंदोलन करेंगे और इसका खामियाजा उत्तराखंड सरकार को भुगतना पड़ेगा।
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