दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, और वह पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर से नेताओं, कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भीड़ जुटी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और कांग्रेस पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। उनका पार्थिव शरीर आज सुबह करीब साढ़े आठ बजे कांग्रेस मुख्यालय (24 अकबर रोड) लाया गया, जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक अंतिम यात्रा
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट के लिए निकला। उनकी अंतिम यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा नारे लगाए गए, “जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा” और “मनमोहन सिंह अमर रहें।” इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मुख्य वाहन में उनके साथ दिखे, और इस यात्रा में लोगों का समर्पण और श्रद्धा साफ नजर आई।
कांग्रेस मुख्यालय में भावुक श्रद्धांजलि
अंतिम यात्रा से पहले, मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया था, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित किया। मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनका परिवार भी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मौजूद था। गुरशरण कौर ने अपने पति को पुष्प अर्पित कर अंतिम विदाई दी।
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कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रगान गाकर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी, और उन्हें नम आंखों से विदाई दी।
“मनमोहन आपका नाम रहेगा”
डॉ. मनमोहन सिंह की राजनीति में एक महान योगदान और सौम्यता की पहचान थी, और उन्हें हमेशा भारतीय राजनीति में एक सम्मानित नेता के रूप में याद किया जाएगा। आज उनकी विदाई के साथ भारतीय राजनीति में एक युग का समापन हुआ, लेकिन उनके कार्य और योगदान हमेशा लोगों की यादों में रहेंगे।