देहरादून : उत्तराखंड में आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों में एक नया और अनोखा कदम उठाया जाएगा। यह पहला मौका होगा जब भारत के राष्ट्रीय खेलों में विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में इस तरह के पदकों का उपयोग किया गया था। इस खास पहल के साथ, उत्तराखंड सरकार और ओलंपिक संघ ने राष्ट्रीय खेलों की थीम को “ग्रीन खेल” रखा है, जिससे पर्यावरण की रक्षा के लिए कई नई पहल की गई हैं।
ई-वेस्ट से बने पदकों का वितरण
अब तक राष्ट्रीय खेलों में विजेताओं को धातु से बने पारंपरिक पदक दिए जाते थे, लेकिन उत्तराखंड में हो रहे राष्ट्रीय खेलों में ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है। ई-वेस्ट से बने इन पदकों का चयन और निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और इन पदकों का वितरण आयोजन के दौरान किया जाएगा।
ई-बसों से खिलाड़ियों का परिवहन
इस बार, खिलाड़ियों का आवागमन भी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ई-बसों से किया जाएगा। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन से स्टेडियम तक ई-बसों का उपयोग किया जाएगा, जिससे पहाड़ों पर वाहनों का दबाव तो कम होगा ही, साथ ही प्रदूषण भी नियंत्रित रहेगा। इस पहल से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना खिलाड़ियों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।
प्लास्टिक मुक्त खेल परिसर
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में प्लास्टिक के प्रयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा। आयोजन में कोई भी प्लास्टिक सामग्री का उपयोग नहीं होगा, और खिलाड़ियों से लेकर अधिकारियों तक सभी को अपनी व्यक्तिगत पानी की बोतल लाने के लिए कहा जाएगा। खेल परिसर में पानी के कंटेनर के पास प्लास्टिक के ग्लास नहीं रखे जाएंगे। इस कदम से आयोजन स्थल पर प्लास्टिक की समस्या से बचाव होगा और पर्यावरण पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
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रिजाइकल्ड कपड़ों का प्रयोग
खेलों के दौरान खिलाड़ियों, अधिकारियों और टीमों के कपड़े भी प्लास्टिक रि-यूज से तैयार किए जाएंगे। इससे न केवल प्लास्टिक के कचरे को कम किया जाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी बचाने में मदद मिलेगी। यह कदम उत्तराखंड के राष्ट्रीय खेलों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और जागरूक बनाता है।
पर्यावरण के प्रति सजगता
38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से जुड़ी इन सभी पहलुओं का उद्देश्य न केवल उत्तराखंड के खेलों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश देना है। इन प्रयासों से उत्तराखंड को नए प्रयोगों और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के लिए याद किया जाएगा, और यह खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा।
खेलों का आयोजन और भागीदारी
यह खेल आयोजन 28 जनवरी से 14 फरवरी तक होगा, और इसमें पूरे देश से लगभग 10,000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। इस आयोजन से ना केवल उत्तराखंड में खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह राज्य को एक “ग्रीन” और पर्यावरण के प्रति जागरूक स्थान के रूप में प्रस्तुत करेगा।