Uttarakhand

पतंजलि गुरूकुलम शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का बनेगा द्योतक- सीएम धामी

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हरिद्वार – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी दर्शनानंद का प्राचीन गुरूकुल परंपरा को पुर्नजीर्वित करने में बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा जिस प्रकार स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ के माध्यम से विश्व में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने का कार्य किया, उसी प्रकार पतंजलि गुरूकुलम भी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का द्योतक बनेगा। गुरूकुलम में बच्चों को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी मिलेंगे, जिससे वो एक आदर्श नागरिक के रूप में समाज में अपना योगदान दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुकुल में गुरु अपने छात्रों को अपना कुलवाहक मानकर उन्हें तैयार करते हैं तथा शिक्षित कर उन्हें आदर्श मनुष्य बनाने का काम करते हैं। भविष्य में पतंजलि गुुरुकुलम् रूपी गंगोत्री से निकले छात्र भारतीय शिक्षा पद्धति की धर्म ध्वजा को चारों ओर फहराने का कार्य करेंगे। व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश में अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। भगवान राम का भव्य और दिव्य मंदिर बन रहा है। जिसके साक्षी हम सभी 22 जनवरी को बनेंगे। काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कोरिडोर, उज्जैन में महाकाललोक कॉरिडोर, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने राज्य हित में ऐतिहासिक फैसले लेते हुए उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया गया है। देवभूमि में पहली बार अतिक्रमण के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए। इसके साथ ही भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा अब हम देवभूमि में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।

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