देहरादून : उत्तराखंड में बाहरी वाहनों से ग्रीन सेस (पर्यावरणीय शुल्क) लेने की योजना पर काम तेजी से चल रहा है। इस व्यवस्था को नए साल से लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम पर्यावरण संरक्षण, यातायात सुरक्षा और राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश में भी परिवहन विभाग ग्रीन सेस लगाने की तैयारी कर रहा है।
20 एंट्री पॉइंट्स पर NPR कैमरों के जरिए ऑनलाइन सेस वसूली
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के विभिन्न 20 एंट्री पॉइंट्स पर NPR कैमरों के जरिए ग्रीन सेस की ऑनलाइन वसूली का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इस नेटवर्क को तैयार करने में दो से तीन महीने का समय लग सकता है। इसके जरिए बाहरी वाहनों से प्रवेश शुल्क लिया जाएगा, जो पर्यावरणीय कार्यों और यातायात सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
सेस का उपयोग विकास और पर्यावरण संरक्षण में
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ग्रीन सेस का उपयोग केवल पर्यावरण संरक्षण और यातायात सुरक्षा के कार्यों में नहीं, बल्कि राज्य के विकास में भी किया जाएगा। यह सेस उन लाखों पर्यटकों और यात्रियों के योगदान के रूप में होगा, जो हर साल उत्तराखंड में आते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं।
प्रदेश में यात्रियों और पर्यटकों की बढ़ती संख्या
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में यात्रियों और पर्यटकों का आगमन होता है, और ग्रीन सेस से मिलने वाली राशि से उनकी सुविधा और राज्य की आवश्यक विकास योजनाओं में मदद मिलेगी। इस व्यवस्था से न केवल पर्यावरण को बचाया जाएगा, बल्कि यातायात व्यवस्था भी सुगम और सुरक्षित बनेगी।
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